पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में अब नेतृत्व परिवर्तन के कयास लगने लगे हैं। राजद प्रमुख और संस्थापक लालू प्रसाद के चारा घोटाला मामले में जमानत मिलने के बाद भी अब तक बिहार नहीं पुहंच पाए हैं। इस दौरान कहा भी जा रहा है कि उनकी तबियत पहले जैसी नहीं है। ऐसे में कयास लगने लगे हैं कि राजद की कमान तेजस्वी यादव को सौंपी जा सकती है।
लालू के नजदीकी माने जाने वाले और राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के दिल्ली जाकर राजद प्रमुख से मिलने के बाद इसकी चर्चा और तेज हो गई है। तेजस्वी यादव को भी सोमवार को दिल्ली तब बुलाया गया, जब महंगाई के विरोध में राजद कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे थे। तेजस्वी इस कार्यक्रम का खुद नेतृत्व भी कर रहे थे, ऐसे में वे दिल्ली रवाना हो गए।
जगदानंद सिंह और तेजस्वी के दिल्ली पहुंचने के बाद राजद के अंदरखाने से जो खबर छनकर आ रही है उसके मुताबिक राजद में अब ‘लालू युग’ की समाप्ति होने वाली है और अब ‘तेजस्वी युग’ की शुरूआत होगी। हालांकि राजद के नेता इसको लेकर कुछ खास नहीं बोल रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि जमानत मिलने के बाद लालू प्रसाद जेले से बाहर जरूर आ गए हों लेकिन अब तक वे बिहार नहीं पहुंच पाए हैं। दीगर बात है कि इस दौरान वे दो मौकों पर वर्चुअल रूप से कार्यकतार्ओं को संबोधित कर चुके हैं।
लालू वर्चुअल रूप से ही सही कार्यकतार्ओं में जोश भरने की कोशिश की। हालांकि लालू प्रसाद उस रूप में नहीं दिखे, जिसके कारण उनकी पहचान है। ऐसे में कयास लगाए जाने लगे की राजद संगठन में बड़ा बदलाव कर सकती है।
लालू प्रसाद ने भी अपने संबोधन में तेजस्वी की तारीफ और बडे नेताओं और कार्यकतार्ओं के सहयोग मिलने की बात कहकर इसके संकेत दे दिए।
गौरतलब है कि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में जब कार्यकर्ता लालू प्रसाद की कमी महसूस कर रहे थे, तब तेजस्वी ने पार्टी की कमान संभाली। चुनाव परिणाम में तेजस्वी की मेहनत भी लोगों को देखी जब पार्टी ने राज्य में सबसे अधिक सीट पर विजय हासिल की।
राजद के एक वरिष्ठ नेता और लालू परिवार के करीबी नेता ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहते हैं, “खुद लालू प्रसाद भी इस बात पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। जगदानंद सिंह ने जब लालू यादव से मुलाकात की इस दौरान भी इस पर चर्चा हुई कि पार्टी के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी यादव को बनाया जाए।”
पार्टी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी भी इस मुद्दे पर बहुत खुलकर नहीं कहते हैं। उन्होंने आईएएनएस से कहा, “बदलाव प्रकृति का नियम है। पिछले विधानसभा चुनाव परिणाम तेजस्वी यादव के नेतृत्वक्षमता को प्रदर्शित करने के लिए काफी है। उन्होंने हालांकि यह भी कहा जब बदलाव होगा, तब आपलोगों को भी पता चल ही जाएगा।”
बहरहाल, राजद संगठन में बडे बदलाव की चर्चा जोरों पर है, लेकिन राजद रणनीतिकारों के लिए अचानक लालू से लेकर तेजस्वी को नेतृत्व दिया जाना आसान भी नहीं होगा। ऐसे में चर्चा है कि तेजस्वी को कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर पार्टी का नेतृत्व थमाया जा सकता है।