नई दिल्ली। भारत में एक बार फिर चीनी सेना की घुसपैठ का मामला सामने आया है। सीनियर सरकारी अधिकारियों ने बताया कि चीनी सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख के डेमचोक में चारडिंग नाला के करीब भारतीय हिस्से में अपने टेंट लगा दिए हैं। अधिकारियों ने इन तंबुओं में रहने वाले लोगों को “तथाकथित नागरिक” बताते हुए कहा कि भारत की तरफ से उन्हें वापस जाने के लिए कहा गया बावजूद इसके उनकी मौजूदगी बनी हुई है।
बताते चलें कि डेमचोक में पहले भी कई बार भारत औऱ चीनी के सैनिकों का आमना सामना हो चुका है। 1990 के दशक में भारत-चीन ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप (JWG) की बैठकों के दौरान दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए थे कि डेमचोक और ट्रिग हाइट्स LAC पर विवादित बिंदु हैं।
इसके बाद दोनों देशों के बीच नक्शों के आदान-प्रदान हुआ था और LAC के 10 अलग अलग क्षेत्रों की धारणाओं को मान्यता दी गई थी। जिसमें समर लुंगपा, डेपसांग बुलगे, प्वाइंट 6556, चांग्लुंग नाला, कोंगका ला, पैंगोंग त्सो नॉर्थ बैंक, स्पंगगुर, माउंट सजुन, डमचेले और चुमार शामिल हैं।
पिछले साल पैदा हुए तनाव के बीच इन 10 क्षेत्रों के अलावा पूर्वी लद्दाख में पांच नए प्वाइंट्स को जोड़ा गया। अधिकारियों ने बताया कि यह पांच प्वाइंट गालवान घाटी में KM120, श्योक सुला इलाके में PP15 और PP17A, रेचिन ला और रेजांग ला हैं।
चीन ने सोमवार को कोर कमांडर-लेवल की की 12वें राउंड की बातचीत का प्रस्ताव रखा था, लेकिन भारतीय सेना करगिल दिवस को देखते हुए इस चर्चा को कुछ दिनों बाद रखने के लिए कहा था। बताते दें कि देश में 26 जुलाई को 1999 के कारगिल युद्ध में पाकिस्तान पर जीत के बाद इसे करगिल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
सूत्रों ने मिली जानकारी के अनुसार कोर कमांडर लेवल की बातचीत अब अगस्त के पहले सप्ताह में या शायद इससे पहले हो सकती है। इससे पहले हुए कोर कमांडर की बैठक इसी साल अप्रैल महीने में हुई थी, जहां दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में डी-एस्केलेशन पर चर्चा हुई थी। इस मामले पर नजर रखने वाले लोगों का कहना है कि भले ही कोर कमांडर लेवल की बातचीत में देरी हो रही हो लेकिन दोनों तरफ के लोग हॉटलाइन के जरिए लगातार एक दूसरे के संपर्क में हैं।