मतदान के अंतिम आंकड़े जारी करने में देरी, विपक्षी दलों ने उठाए सवाल

कांग्रेस, माकपा और तृणमूल कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण के मतदान के अंतिम आंकड़े जारी करने में देरी को लेकर मंगलवार को सवाल उठाया। पहले चरण के तहत 19 अप्रैल को हुए मतदान के 11 दिन बाद भी यह आंकड़े जारी नहीं हुए हैं।

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आम चुनाव के लिए मतदान सात चरणों में हो रहा है, बाकी चरण सात मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और एक जून को होंगे। वोटों की गिनती चार जून को होगी। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव संबंधी सभी आंकड़ें समय पर और पारदर्शी तरीके से जारी करना जरूरी है और उसे आंकड़े सार्वजनिक करने चाहिए।

उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘पहली बार, प्रथम चरण के मतदान के 11 दिन बाद और दूसरे चरण के चार दिन बाद भी आयोग द्वारा अंतिम मतदान प्रतिशत प्रकाशित नहीं किया गया है। अतीत में, आयोग मतदान के तुरंत बाद या 24 घंटों के भीतर मतदान के अंतिम आंकड़े सार्वजनिक करता था। आयोग की वेबसाइट पर केवल अनुमानित मतदान आंकड़े ही उपलब्ध हैं। इस देरी का क्या कारण है।’’

रमेश ने कहा कि इसके अतिरिक्त, प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र और उस लोकसभा क्षेत्र में शामिल विधानसभा क्षेत्रों में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या भी आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है।

उन्होंने कहा कि वेबसाइट केवल राज्य में मतदाताओं की कुल संख्या और प्रत्येक बूथ पर मतदाताओं की संख्या दिखा रही है।

तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने आरोप लगाया, ‘‘(प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी ने अपना प्रभुत्व कायम करने और निर्वाचन आयोग को नष्ट करने के लिए संसद में कानून बदलवा दिया। अब दो चरणों के बाद भी आयोग ने मतदान के अंतिम आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए हैं।’’

उन्होंने पूछा, ‘‘ये देरी क्यों? पहले दो चरण अच्छे नहीं रहे, क्या इसलिए ऐसा है। आयोग हर चरण के बाद प्रेसवार्ता क्यों नहीं करता है?’’

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, ‘‘यह बहुत परेशान करने वाला है। परिणामों में हेरफेर को लेकर गंभीर आशंकाएं पैदा होती हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग ने पहले दो चरणों के अंतिम मतदान आंकड़ों का खुलासा नहीं किया है। केवल अनुमानित मतदान प्रतिशत ही बताए गए हैं।’’

 

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