पटना। बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहा है वैसे ही सियासी सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं। मंगलवार को राजद को एक के बाद एक दो बड़े झटके लगे। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को एक और बड़ा झटका लगा है। मंगलवार को पहले तो पार्टी के पांच विधानपार्षद जेडीयू में चले गए फिर पार्टी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। रघुवंश प्रसाद सिंह फिलहाल कोरोना से पीड़ित हैं और वे पटना एम्स में इलाजरत हैं।
बताया जा रहा है कि रघुवंश प्रसाद सिंह समेत पार्टी के कई बड़े नेता बाहुबली रामा सिंह को पार्टी में शामिल कराये जाने को लेकर नाराज हैं। ऐसे में रघुवंश प्रसाद सिंह समेत पार्टी के कई बड़े नेता भी आरजेडी को छोड़ सकते हैं।
बता दें कि बिहार बीजेपी विधान मंडल दल के नेता सुशली कुमार मोदी पहले कह चुके हैं कि रघुवंश बाबू अच्छे व्यक्ति हैं, लेकिन गलत पार्टी में हैं। सुशील मोदी ने काफी समय पहले ही रघुवंश प्रसाद सिंह को एनडीए में आने का निमंत्रण दे चुके हैं।
इससे पहले आरजेडी छोड़ने वाले पार्षदो में एमएलसी संजय प्रसाद, कमरे आलम, राधाचरण सेठ, रणविजय सिंह और दिलीप राय के नाम शामिल हैं। बता दें कि ये सभी पहले से ही तेजस्वी यादव और पार्टी के खिलाफ बयानबाजी करते रहे हैं। कुछ दिन पहले ही बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री और जेडीयू नेता अशोक चौधरी ने दावा किया था कि आरजेडी के कई विधायक पाला बदलने को तैयार बैठे हैं।
आरजेडी छोड़ने वाले पांचो विधान पार्षद के जेडीयू का दामन थामने के बाद यह कहा जा रहा है कि अभी कई विधायक और है जो आरजेडी छोड़ सकते हैं। बता दें कि जेडीयू और बीजेपी की ओर से लगातार यह दावा किया जा रहा था कि चुनाव के पहले ही आरजेडी के कई विधायक पाला बदल कर उनकी तरफ आ सकते हैं। सत्तारूढ़ दल के नेताओं ने यहा तक दावा किया है कि आरजेडी के ज्यादातर विधायक तेजस्वी के नेतृत्व से नाराज हैं और वे कभी भी पार्टी छोड़ सकते हैं।
2014 में आमने-सामने थे रघुवंश और रामा सिंह
राजद के टिकट पर रघुवंश वैशाली लोकसभा सीट से चार बार सांसद रह चुके हैं। 2014 में रघुवंश ने राजद और रामा ने लोजपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा था। तब रघुवंश चुनाव हार गए थे। उस चुनाव से पहले ही दोनों नेताओं के बीच सियासी दुश्मनी थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में लोजपा ने रामा को टिकट नहीं दिया था। तब राजद ने रामा को अपने पाले में लाने की कोशिश की थी, लेकिन रघुवंश के विरोध के आगे पार्टी को झुकना पड़ा था।
पार्टी को जिताऊ उम्मीदवार की तलाश
बिहार विधानसभा चुनाव के चुनाव इस साल अक्टूबर-नवंबर में होने हैं। ऐसे में राजद जीतने वाले उम्मीदवार की तलाश कर रही है। यही वजह है कि राजद ने रामा को पार्टी में लाने की पूरी तैयारी कर ली है। यह बात रघुवंश को अखर रही है और इसी वजह से उन्होंने पार्टी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।
राजद में बड़े सवर्ण चेहरे हैं रघुवंश प्रसाद
रघुवंश प्रसाद राजद में बड़े सवर्ण चेहरे हैं और ऊंची जातियों के वोट को अपने पाले में लाने वाले नेता हैं। वैशाली लोकसभा क्षेत्र में इनकी मजबूत पकड़ है। वे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के काफी करीबी माने जाते हैं। पार्टी के सभी फैसलों में साथ खड़े रहते हैं। यहां तक कि जब राजद ने सवर्ण आरक्षण का विरोध किया था तब भी वे पार्टी के साथ थे। अपने क्षेत्र में सवर्ण आरक्षण के खिलाफ धरने पर भी बैठे थे।