गलवान में हिंसक झड़प के 7 दिन बाद आखिरकार भारत के आगे झुका चीन, विवादित स्थानों से हटेंगे चीनी सैनिक

नई दिल्ली। गलवान में हिंसक झड़प के 7 दिन बाद आखिरकार भारत के दबाव के आगे चीन झुक गया। कल चीन सीमा में स्थित मॉल्डो में दोनों देशों के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत हुई थी। सेना के मुताबिक, बातचीत अच्छे माहौल में हुई। पूर्वी लद्दाख में टकराव वाली जगह से दोनों देशों की सेनाओं को पीछे हटाने पर सहमति बनी है।

Advertisement

इस बीच, मंगलवार को थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे लेह का दौरा करने के लिए दिल्ली से रवाना हो चुके हैं। वे सेना की 14 कॉर्प्स के अफसरों के साथ हुई मीटिंग को लेकर चर्चा करेंगे। इससे पहले नरवणे ने सोमवार को दिल्ली में सेना के कमांडरों के साथ बैठक में लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में सीमा विवाद की पूरी जानकारी ली।

भारत-चीन के बीच दूसरी बैठक 11 घंटे चली
15 जून की रात गलवान में हिंसक झड़प के बाद सोमवार को भारत और चीन के बीच मॉल्डो में लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की दूसरी मीटिंग 11 घंटे तक चली। भारत की ओर से मीटिंग में 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने हिस्सा लिया। सूत्रों के मुताबिक, भारत ने इस बैठक में पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्सो इलाके से चीनी सैनिकों को हटाने की मांग की थी।

भारतीय अफसरों ने गलवान में हुई हिंसक झड़प को चीन की सोची-समझी साजिश और क्रूर बताया था। भारत की मांग थी कि चीन लद्दाख में अपने सैनिकों की पोजिशन अप्रैल की यथास्थिति पर लाए।

चीन ने माना उसका कमांडिंग अफसर मारा गया
चीन की सेना ने पहली बार माना कि 15 जून को गलवान में हुई झड़प में उसके कमांडिंग ऑफिसर समेत 2 सैनिक मारे गए। हालांकि, रिपोर्ट्स में पहले चीन के 40 से ज्यादा जवानों की मौत का दावा किया जा चुका है। गलवान में चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर कंटीले तारों से हमला किया था, जिसमें 20 जवान शहीद हो गए थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here