नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्री के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि हाल में फंड जुटाने की अभूतपूर्व कवायद के बाद अब उनकी कंपनी सऊदी अरैमको के साथ सौदा पूरी करने की दिशा में बढ़ रही है। पिछले साल अगस्त में अपने निवेशकों से किए गए वादे को पूरा करते हुए रिलायंस इंडस्ट्र्रीज (आरआईएल) ने गत दो महीने में 1,68,818 करोड़ रुपए जुटा लिए हैं।
यह राशि कंपनी ने देश का सबसे बड़ा राइट्स इश्यू लाकर और अपनी सहायक इकाई जियो प्लेटफॉर्म में कुछ हिस्सेदारी बेचकर जुटाई है। कंपनी अब अगले वादे को पूरा करने की दिशा में काम कर रही है। वह है तेल से लेकर रसायन तक के अपने कारोबार की कुछ हिस्सेदारी सऊदी अरैमको को बेचना।
अंबानी ने कंपनी की 2019-20 की सालाना रिपोर्ट में कहा कि ऊर्जा कारोबार में रिलायंस सऊदी अरैमको के साथ रणनीतिक साझेदारी की रूपरेखा पूरी करने पर काम कर रही है। इस साझेदारी से हमारी रिफाइनरीज को ज्यादा ऑयल-टू-केमिकल कन्वर्जन के लिए वैल्यू एक्रीटिव क्रूड ग्रेड के बड़े पोर्टफोलियो की सुविधा और ज्यादा फीडस्टॉक की सुरक्षा हासिल होगी।
पिछले साल कंपनी की सालाना आम बैठक में अंबानी ने करीब 18 महीने में आरआईएल के शुद्ध कर्ज को घटाकर शून्य करने की अपनी महत्त्वाकांक्षा की घोषणा की थी। उसी दिन आरआईएल ने कहा था कि वह सऊदी अरैमको के साथ एक सौदे के लिए बात कर रही है। इसके तहत वह अपने ऑयल-टू-केमिकल कारोबार में 20 फीसदी हिस्सेदारी 75 अरब डॉलर के एंटरप्राइज मूल्य पर बेचेगी। पहले इस सौदे के मार्च 2020 तक पूरा हो जाने का अनुमान लगाया गया था।
लॉकडाउन के दौरान महज 58 दिनों में कंपनी ने जुटाए 1,15,693.95 करोड़ रुपए
पूरे देश में जब कोरोनावायरस महामारी के कारण लॉकडाउन लागू था, तब रिलायंस इंडस्ट्रीज ने महज 58 दिनों में राइट्स इश्यू लाकर 53,124.20 करोड़ रुपए और जियो प्लेटफॉर्म में 11 सौदों के जरिये हिस्सेदारी बेचकर 1,15,693.95 करोड़ रुपए जुटा लिए।
अंबानी ने कहा कि दोनों तरीके से इतने कम समय में कंपनी ने जितनी राशि जुटाई, वैसा पूरी दुनिया में पहले कभी भी नहीं हुआ था। भारतीय कॉरपोरेट इतिहास में भी ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। यह इसलिए भी खास है क्योंकि यह उपलब्धि ऐसे समय में हासिल हुई है, जब पूरी दुनिया में लॉकडाउन था।
कंपनी ने कहा कि डायवर्सिफाइड अर्निंग और कंजर्वेटिव बैलेंसशीट के कारण रिलायंस इंडस्ट्र्रीज मौजूदा चुनौतियों से मुकाबला करने के लिए बेहतर स्थिति में है। अंबानी ने कहा कि हम उपभोक्ता कारोबार और नई गतिविधियों में निवेश की योजना के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। हमारे सामने एक बड़ा अवसर मौजूद है।
राइट्स इश्यू और विभिन्न इक्विटी ट्र्रांजेक्शंस से कंपनी को ताकत मिलेगी और आने वाले वर्षों में यह शेयरधारकों की संपत्ति बढ़ाएगी। कंपनी पहली बार अपनी ऑनलाइन सालाना आम बैठक 15 जुलाई को करने जा रही है।