नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि संरचनात्मक सुधार सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने कहा कि सरकार उद्योग की चिंताओं को समझने के लिए उससे संपर्क में है। सीतारमण ने उद्योग मंडल कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) की ओर से मंगलवार को यहां आयोजित एक कार्यक्रम में ये बात कही। वित्त मंत्रालय ने ट्वीट करके ये जानकारी दी है।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उद्योग मंडल कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री की बैठक को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि संरचनात्मक सुधार सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस (कोविड-19) से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्र सरकार की घोषणाओं में भी इस बात की झलक मिली होगी। सीतारमण ने कहा कि अभी तक की सभी घोषणाओं में संरचनात्मक सुधार से जुड़ी कोई ना कोई चीज है।
सीतारमण ने कहा कि कोविड-19 की वजह से उत्पन्न परिस्थितियों पर गृह सचिव ने राज्य सरकारों से माल की ढ़ुलाई और लोगों के आनेजाने पर किसी तरह की पाबंदी नहीं लगाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि टूरिज्म, रियल एस्टेट, हॉस्पिटालिटी और एयरलाइंस जैसे कुछ सेक्टर्स कोरोना वायरस के संक्रमण से ज्यादा प्रभावित हुए हैं, जिसकी वजह से घरेलू राजस्व सृजन भी एक चिंता का विषय है।
वित्त मंत्री ने कहा कि ‘हमें मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर निवेश के प्रस्तावों पर तेजी से आगे बढ़ना होगा। इनमें बैंकों से जुड़े विनिवेश प्रस्ताव भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सरकार बैंकों को पर्याप्त मदद उपलब्ध कराने के लिए आरबीआई के साथ मिलकर काम कर रही है। सीतारमण ने कहा कि सरकार, विनियामकों और उद्योग के बीच अनुकरणीय सहयोग का इससे बेहतर मौका नहीं हो सकता है।
सीतरामणन ने कहा कि 3 लाख करोड़ रुपये की स्कीम अब पेशेवरों के लिए भी खुली हुई है। सरकार जरूरत पड़ने पर और भी बदलाव करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले साल सितंबर में कॉरपोरेट टैक्स में कटौती की थी, लेकिन कोविड-19 की महामारी की वजह से निवेश नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बाद अनलॉक में बहुत सी चीजें फिर से शुरू हो रही हैं। ऐसे में फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी से जुड़ी कंपनियों में नया निवेश देखने को मिल सकता है।