नई दिल्ली। कमर्शियल माइनिंग के लिए कोयला ब्लॉक की नीलामी होने से हर साल कुल करीब 20,000 करोड़ रुपए का रेवेन्यू मिलने की उम्मीद है। यह बात कोयला मंत्रालय के एक अधिकारी ने कही। 38 कोयला ब्लॉक की कमर्शियल माइनिंग के लिए नीलामी की प्रक्रिया चल रही है।
अधिकारी ने कहा कि एक साल में कुल करीब 20,000 करोड़ रुपए का रेवेन्यू मिलने की उम्मीद है और इस पर करीब 33,000 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश होगा। एक साल के रेवेन्यू में 4 फीसदी का रेवेन्यू शेयर, रॉयल्टी, एनएमईटी और डीएमएफ को शामिल किया गया है और ऐवरेज ग्रेड के कोयला खदान के रिप्रेजेंटेटिव प्राइस को ध्यान मे रखते हुए पीक रेटेड कैपेसिटी (पीआरसी) के आधार पर गणना की गई है।
पूंजी निवेश की गणना पीआरसी के लिए 150 करोड़ रुपए प्रति 10 लाख टन सालाना के आधार पर की गई है, जिसमें इवैक्युएशन भी शामिल है।
2.8 लाख से ज्यादा लोगों को मिलेगा रोजगार
2.8 लाख से ज्यादा लोगों के लिए रोजगार पैदा होने के सरकार के दावे को लेकर अधिकारी ने कहा कि यह गणना इस आधार पर की गई है कि हर कर्मचारी का सालाना उत्पादन 5,000 टन होगा। 30 फीसदी लोगों को संबंध गतिविधियों में रोजगार मिलेगा, जिनमें वाशरीज, रेलवे साइडिंग्स, आदि शामिल हैं। इसके अलावा हर एक प्रत्यक्ष रोजगार पर 3 लोगों को परोक्ष रोजगार मिलेगा।
जून में सरकार ने 41 ब्लॉक की नीलामी करने की बात कही थी, जिसे बाद में घटाकर 38 कर दिया गया
जून में सरकार ने 41 ब्लॉक की नीलामी करने की बात कही थी, जिसे बाद में घटाकर 38 कर दिया गया। नीलामी के लिए रखे गए 23 ब्लॉक के लिए 42 कंपनियों ने बोली जमा की हैं, जिनमें वेदांता, जेएसपीएल, अडानी एंटरप्राइजेज, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, जेएसडब्ल्यू स्टील और नाल्को भी शामिल हैं।
मंत्रालय ने पहले एक बयान में कहा था कि 23 कोयला खदानों के लिए कुल 76 बोलियां मिली थीं, लेकिन नीलामी की प्रक्रिया में 42 कंपनियों ने बोलियां जमा कीं। इलेक्ट्रॉनिक नीलामी की प्रक्रिया एमएसटीसी पोर्टल पर 19 अक्टूबर से शुरू होगी।