उपचुनावों में मायावती की मदद कर के कौन सी चाल चल रही है भाजपा ?

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 में होने हैं लेकिन राजनीतिक दल इसकी तैयारियां अभी से शुरू कर दिए हैं। भारतीय जनता पार्टी एक बार जीत कर सत्‍ता में बैठने की कोशिश में लगी है तो वहीं समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी भी जनता को लुभाने की पूरी तैयारी कर रही है। वहीं कांग्रेस भी अपनी पार्टी को दोबार खड़ा करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है।

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इस बीच कई दल मिल रहे हैं तो कईयो के दिल‍ मिल रहे हैं। कभी बीजेपी के सहयोग से यूपी में मुख्‍यमंत्री की कुर्सी पर बैठी मायावती वैसे तो बीजेपी को कोसने का कोई मौका नहीं छोड़ती हैं। लेकिन इन दिनों उन पर आरोप लग रहे हैं कि उन्‍होंने बीजेपी से अंदरखाने गठबंधन कर लिया है।

इस बात को और बल मिल गया जब बीजेपी ने राज्‍यसभा चुनाव के लिए अपने उम्‍मीदवारों की लिस्‍ट जारी की। इस चुनाव में ऐसे समीकरण बन रहे है जिससे बीजेपी 10 में से 9 सीटों पर जीत सकती है। लेकिन बीजेपी ने केवल आठ उम्‍मीदवारों की लिस्‍ट जारी की। बीजेपी के सभी 8 प्रत्याशी बुधवार को नामांकन कर देंगे, ऐसे में 9वें प्रत्याशी के  मैदान में उतरने की संभावना कम ही मानी जा रही है।

बीजेपी-बीएसपी में है कोई अंडर स्टैंडिंग?

दिलचस्प बात ये है कि कम विधायक संख्या होने के बावजूद इस बार बसपा ने भी अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं। अगर बीजेपी प्रत्याशी नहीं खड़ा करती है तो बसपा की राहें आसान होती हैं। इसे कहीं न कहीं बीजेपी के मिशन 2022 में बसपा (BSP) के लिए एक संकेत माना जा सकता है, क्योंकि बीजेपी या उसके सहयोगी दल का 9वां प्रत्याशी अगर मैदान में नहीं होगा तो चुनाव नहीं होगा और बसपा-सपा सहित सभी बीजेपी के प्रत्याशी निर्विरोध राज्यसभा पहुंच जाएंगे।

इस बीच यूपी कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीएसपी और बीजेपी के बीच छुपन-छुपाई गठबंधन हुआ है। बीजेपी उम्मीदवार की लिस्ट जारी होने के बाद यूपी कांग्रेस ने ट्वीट किया, ‘बीजेपी की हालत पतली है। बीएसपी उपचुनावों में बीजेपी को वोट ट्रांसफर करे इसके लिए बीएसपी-बीजेपी के छुपन-छुपाई गठबंधन का ऐलान हुआ।

दूसरी ओर इस लिस्ट में बीजेपी ने जातीय समीकरण को साधने की पूरी कोशिश की है। तमाम विपक्षी दलों द्वारा योगी सरकार में ब्राह्मण विरोध के सुर बुलंद किए जा रहे थे।

वहीं, इस लिस्ट में पार्टी ने दो क्षत्रियों के साथ दो ब्राह्मण प्रत्याशियों को जगह देकर कहीं न कहीं संतुलन साधने और विरोधियों को जवाब देने की कोशिश की है। बीजेपी ने क्षत्रिय, पिछड़े, एससी और अल्पसंख्यक समुदाय के साथ महिलाओं की नुमाइंदगी का भी खयाल रखा है। बीजेपी की लिस्ट में सीमा द्विवेदी और गीता शाक्य दो महिला चेहरे भी हैं।

वहीं, जातियों की बात करें तो अरुण सिंह, नीरज शेखर (क्षत्रिय), हरिद्वार दुबे और सीमा द्विवेदी (ब्राह्मण), बीएल वर्मा और गीता शाक्य (पिछड़े वर्ग) से हैं, जबकि यूपी के पूर्व डीजीपी बृजलाल एससी और हरदीप सिंह पुरी सिख हैं।

निर्वाचन आयोग ने राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव की घोषणा 13 अक्टूबर को की थी। इन सीटों के लिए चुनाव की अधिसूचना 20 अक्टूबर को जारी हो गई है। घोषित कार्यक्रम के अनुसार 27 अक्टूबर नामांकन की अंतिम तिथि है। 28 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच की होगी।

2 नवंबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। 9 नवंबर को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक मतदान होगा। उसी दिन शाम पांच बजे से मतगणना होगी और परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे। उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटें 25 नवंबर को खाली हो रही हैं।

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