‘टॉप-अप’ प्लान से अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को करें अपग्रेड

नई दिल्ली। बीमा कंपनियों ने अक्टूबर के शुरू में ही हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में बदलाव किया था। इससे कई हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट की कीमत में वृद्धि हुई है। ऐसे में मेडिकल के बढ़ते खर्च को देखते हुए अगर आपको लगता है कि आपका हेल्थ कवर काफी नहीं है, और आप एक और नई रेगुलर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने का प्लान बना रहे हैं तो जल्दबाजी न करें।

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आप अपने इंश्योरेंस प्लान को ‘टॉप-अप’ या ‘सुपर टॉप-अप’ हेल्थ प्लान से भी अपग्रेड कर सकते हैं। एक्सपर्ट के अनुसार नई हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के बजाए आपका ‘टॉप-अप’ या ‘सुपर टॉप-अप’ हेल्थ प्लान लेना सही रहेगा ये कम खर्च में आपको ज्यादा कवर देगा।

‘टॉप-अप’ प्लान

क्या है ‘टॉप-अप’ प्लान?
टॉप-अप हेल्थ प्लान उन लोगों के लिए अतिरिक्त कवर होता है जिनके पास पहले से ही हेल्थ पॉलिसी है। यह काफी कम कीमत में मिल जाता है। चूंकि कम कीमत में इससे अतिरिक्त कवर मिल जाता है, इसीलिए जिस व्यक्ति के पास पहले से इंश्योरेंस कवर है उसके लिए ये सही विकल्प है।

सस्ता पड़ता है टॉप-अप
मान लीजिए आप पर 10 लाख रुपए का इंश्योरेंस कवर है और आप इस कवर को 10 लाख रुपए तक बढ़ाना चाहते हैं तो इसके लिए आप नई रेगुलर हेल्थ पॉलिसी ले सकते हैं। लेकिन अगर आप ऐसा करते हैं तो इसके लिए आपको ज्यादा पैसा खर्च करना होंगे। जबकि इतनी की कीमत का टॉप-अप प्लान कहीं कम प्रीमियम पर मिल जाएगा। टॉप-अप प्लान की कॉस्ट डिडक्टिबल लिमिट से कनेक्ट रहती है। यह लिमिट पहले से तय होती है। जब किसी बीमारी का खर्च उस लिमिट को पार करता है तो टॉप-अप प्लान का काम शुरू होता है।

डिडक्टिबल लिमिट को ज्यादा रखना फायदेमंद
डिडक्टिबल लिमिट को हमेशा ज्यादा रखना चाहिए क्योंकि प्राइमरी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी इतनी राशि तक कवर उपलब्ध कराती है। डिडक्टिबल जितना ज्‍यादा होगा, टॉप-अप प्लान उतना सस्ता मिलेगा। टॉप-अप प्‍लान आमतौर पर एक बार अस्‍पताल में भर्ती होने का खर्च उठाता है। इसका मतलब यह है कि अगर उनके एक बार भर्ती होने पर अस्‍पताल का बिल डिडक्टिबल को पार कर जाता है, तो केवल तभी टॉप-अप प्‍लान का इस्‍तेमाल किया जा सकता है।

किस तरह काम करता है टॉप-अप प्लान?
मान लीजिए आपको लगता है कि 10 लाख रुपए का हेल्थ इंश्योरेंस कवर पर्याप्त नहीं है और इसमें इजाफा किया जाना चाहिए। हेल्थ कवर की राशि जैसे-जैसे बढ़ती जाती है, प्रीमियम की राशि भी बढ़ती जाती है। ऐसे में आप 15 लाख रुपए का टॉप अप कवर लेकर इसे 25 लाख कर सकते हैं। अब अगर किसी वजह से क्लेम करने की जरूरत पड़ती है और क्लेम की राशि 20 लाख रुपए होती है तो 10 लाख रुपए का क्लेम आप अपनी बेस पॉलिसी और बाकी 10 लाख रुपए का क्लेम टॉप अप पॉलिसी से कर सकते हैं।

‘सुपर टॉप-अप’ प्लान

क्या है ‘सुपर टॉप-अप’ हेल्‍थ प्‍लान?
ये ‘टॉप-अप’ हेल्थ प्लान का ही अपग्रेड रूप है, इसीलिए ये ‘टॉप-अप’ हेल्थ प्लान से थोड़ा महंगा रहता है। ये भी ‘टॉप-अप’ हेल्थ प्लान की तरह ही काम करता है यानी ये उन लोगों के लिए अतिरिक्त कवर होता है जिनके पास पहले से ही हेल्थ पॉलिसी है।

कैसे काम करता है ‘सुपर टॉप-अप’ प्लान?
मान लीजिए आपको लगता है कि 5 लाख रुपए का हेल्थ इंश्योरेंस कवर पर्याप्त नहीं है और इसमें इजाफा किया जाना चाहिए। ऐसे में आप 10 लाख रुपए का ‘सुपर टॉप अप’ कवर लेकर इसे 15 लाख कर सकते हैं। मान लीजिए आप साल में 3 बार बीमार हुए पहले बार में 4 लाख, दूसरी बार में 3 लाख और तीसरी बार में 4 लाख का खर्च आया तो पहली बार का खर्च अपनी हेल्थ इंश्योरेंस से कवर हो जाएगा इसके बाद आपके हेल्थ इंश्योरेंस प्लान का 1 लाख रुपए बचेगा। वहीं 3 लाख का खर्च होने पर 1 लाख आपके हेल्थ इंश्योरेंस से जबकि 2 लाख सुपर टॉप-अप से कट जाएगा। वहीं तीसरी बार के हॉस्पिटल बिल का पूरा भुगतान ‘सुपर टॉप-अप’ प्लान से कर सकेंगे। इसके बाद भी आपके पास 4 लाख रुपए का कवर बचा रहेगा रहेगा।

‘टॉप-अप’ और ‘सुपर टॉप-अप’ प्लान में क्या अंतर है?
‘टॉप-अप’ प्लान एक बार अस्‍पताल में भर्ती होने का खर्च उठाता है। इसका मतलब यह है कि अगर एक बार भर्ती होने पर अस्‍पताल का बिल इंश्योरेंस प्लान की डिडक्टिबल लिमिट को पार कर जाता है, तो केवल एक बार ही ‘टॉप-अप’ प्लान का इस्‍तेमाल किया जा सकता है। इसमें केवल एक बार ही क्लेम किया जा सकता है। वहीं ‘सुपर टॉप-अप’ प्लान में सिंगल क्लेम की लिमिट नहीं होती है।

इन दोनों ही प्लान में नहीं रहती मेडिकल स्क्रीनिंग की जरूरत
इंश्योरेंस कंपनियां टॉप-अप प्लान के लिए कोई मेडिकल स्क्रीनिंग नहीं करती। यहां तक कि आप दूसरी कंपनी से भी टॉप-अप लेते हैं तो भी कोई स्क्रीनिंग नहीं होती।

किसके लिए रहेगा ज्यादा फायदेमंद?
अगर आप किसी कंपनी में काम करते हैं जहां से आपको और आपके परिवार को हेल्थ इंश्योरेंस में तो कवर किया गया है लेकिन आपको लगता है कि आपके कवर की रकम काफी नहीं है तो आपका ‘टॉप-अप’ प्लान लेना सही रहेगा। क्योंकि अगर आप अलग से प्लान लेते हैं तो ये आपको काफी महंगा पड़ सकता है लेकिन ‘टॉप-अप’ प्लान आपके इस खर्च को कम कर सकता है।

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