18वां दिन LIVE: किसानों के समर्थन में भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे पंजाब के डीआईजी का इस्तीफा

चंडीगढ़। केंद्र द्वारा पारित तीन नए कृषि कानूनों को रद्द किए जाने को लेकर देशभर में किसानों द्वारा प्रदर्शन जारी है। इसी बीच, भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे पंजाब के डीआईजी (जेल) लखमिंदर सिंह जाखड़ ने किसानों के समर्थन में आकर रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा है कि वह किसानों के समर्थन में खड़े होंगे और उनकी मुहिम का हिस्सा बनेंगे।

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जाखड़ को मई में जेल कर्मियों से हर महीने रिश्वत लेने के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया था।

ADGP (जेल) पीके सिन्हा ने इस्तीफे की कॉपी मिलने की पुष्टि की है। लखमिंदर ने लिखा कि प्रदेश के किसान परेशान हैं। ठंड में खुले आसमान के नीचे सड़कों पर बैठे हैं। मैं खुद एक किसान का बेटा हूं, इसलिए इस आंदोलन का हिस्सा बनना चाहता हूं। तुरंत प्रभाव से पदमुक्त करें, ताकि दिल्ली जाकर अपने किसान भाइयों के साथ मिलकर अपने हक के लिए लड़ सकूं।

उधर, किसान कानून वापसी के अलावा किसी भी तरह के संशोधन के लिए तैयार है। इसी को लेकर किसान आज दिल्ली-जयपुर हाईवे बंद कर सकते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी, तो वे सोमवार को भूख हड़ताल करेंगे।

सरकार की इमेज चमकाने के लिए IRCTC की पहल
आंदोलन के मद्देनजर IRCTC ने शीर्षक ‘पीएम मोदी और उनकी सरकार के सिखों के साथ खास रिश्ते’ का 47 पेज का एक अटैचमेंट भेजा है। IRCTC के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सिद्धार्थ सिंह ने बताया कि इस तरह की बुकलेट कुछ दिन पहले जारी की गई थी। सभी सरकारी ऑफिसों ने इसे लोगों को भेजा था। ये डॉक्युमेंट उन लोगों को मेल किया गया था, जिनका सरनेम ‘सिंह’ हो या पंजाब से संबंध हो।

राजस्थान के हजारों किसान दिल्ली पहुंचेंगे
किसान नेता कमलप्रीत सिंह ने कहा कि रविवार को राजस्थान के हजारों किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए दिल्ली आ रहे हैं। इस दौरान वे दिल्ली-जयपुर हाईवे को ब्लॉक करेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हमारे आंदोलन खत्म करने के लिए कई हथकंडे अपनाए, लेकिन हमने सब फेल कर दिया।

कानून वापसी से कम कुछ भी मंजूर नहीं
कमलप्रीत ने कहा कि सरकार ने हमें बांटने की भरपूर कोशिश की। जीत मिलने तक हम लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे। 14 दिसंबर को सिंघु बॉर्डर पर कई किसान नेता एक साथ मंच पर आएंगे और भूख हड़ताल करेंगे। हमारी मांग है कि तीनों कानूनों को वापस लिया जाए। हम किसी भी तरह के बदलाव के पक्ष में नहीं हैं।

मांगें नहीं मानी गईं तो भूख हड़ताल शुरू करेंगे
इस बीच, किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने शनिवार को बताया था कि किसानों की पंजाब से आने वाली कई ट्रॉलियों को सरकार ने रोक लिया है। हम लोग सरकार से अपील करते हैं कि वो किसानों को दिल्ली पहुंचने दें। अगर सरकार 19 दिसंबर से पहले हमारी मांगे नहीं मानती है, तो हम गुरु तेग बहादुर के शहादत दिवस से भूख हड़ताल भी शुरू करेंगे।

आंदोलन की अहम बातें

  • दिल्ली- गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को गर्म कपड़े बांटे गए। पंजाब से आए दो भाइयों ने कहा कि सड़कों पर रहना किसे पसंद है। मैं प्रधानमंत्री मोदी का फैन हूं। मुझे उम्मीद है, वे समझेंगे कि किसानों के बिना देश आगे नहीं बढ़ सकता।
  • अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में किसान बिल का विरोध कर रहे कुछ लोगों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया। किसानों के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने शनिवार को भारतीय दूतावास के सामने लगी गांधी प्रतिमा पर स्प्रे से पेंट कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने गांधी के चेहरे को खालिस्तानी झंडे से ढक दिया था।
  • आंदोलन की गहमागहमी के बीच हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने शनिवार को कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने कहा कि जिस तरह से केंद्र सरकार बातचीत कर रही है, इससे साफ है कि सरकार इस मामले का हल चाहती है। मुझे पूरा विश्वास है कि अगले 24 से 48 घंटे इसके लिए निर्णायक हो सकते हैं।
  • किसानों के मुद्दे पर NDA से अलग हुए शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की सुनने की बजाय उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। जिनके लिए कानून बनाए हैं, वे ही इन्हें नहीं चाहते तो केंद्र क्यों अत्याचार कर रहा है? मैं प्रधानमंत्री से अपील करता हूं कि वे किसानों की सुनें।
  • भारतीय किसान यूनियन ने तीनों कृषि बिलों को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया। उनका कहना है कि इन कानूनों के चलते किसान कॉरपोरेट के लालच के आगे कमजोर होंगे। किसानों ने बुधवार को सरकार का लिखित प्रपोजल ठुकरा दिया था।
  • दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर चल रहा UP के भारतीय किसान यूनियन (BKU- भानू गुट) ने शनिवार को अपना आंदोलन खत्म कर दिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार रात किसान संगठनों से बात की थी। किसानों और सरकार के बीच कृषि आयोग के गठन को लेकर सहमति बनी है।

‘आंदोलन में देश विरोधी घुसे हैं तो इंटेलीजेंस उन्हें पकड़े’
किसान आंदोलन में देश विरोधी लोगों के घुसने के आरोपों पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि इंटेलीजेंस को उन्हें पकड़ना चाहिए। अगर बैन ऑर्गेनाइजेशंस के लोग हमारे बीच घूम रहे हैं तो उन्हें जेल में डालना चाहिए। हमें ऐसा कोई नहीं मिला, अगर दिखेगा तो बाहर निकाल देंगे।

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