डिश टीवी को 4,164 करोड़ रुपए के पेमेंट के लिए मिला डिमांड नोटिस

नई दिल्ली। डायरेक्ट-टू-होम (DTH) कंपनी डिश टीवी ने कहा कि उसे सरकार से 4,164.05 करोड़ रुपए के पेमेंट के लिए डिमांड नोटिस मिला है। इसमें लाइसेंस शुल्क और ब्याज शामिल है। कंपनी ने शेयर बाजारों को दी गई जानकारी में कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (I&B) ने 24 दिसंबर पत्र के माध्यम से एस्सेल समूह की फर्म को DTH लाइसेंस जारी करने की अवधि वित्तीय वर्ष 2018-19 से लाइसेंस शुल्क की रकम का पेमेंट करने के लिए कहा है।

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2018-19 से करना है पेमेंट

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कहा है कि कंपनी के खातों और वित्त वर्ष 2018-19 तक डीटीएच लाइसेंस जारी करने की अवधि से कंपनी पर 4,164.05 करोड़ रुपए का बकाया है। कंपनी को 15 दिनों की अवधि के भीतर देने का का निर्देश दिया है। इस रकम में लाइसेंस शुल्क और उस पर ब्याज शामिल है। कंपनी ने कहा कि वह अगला कदम निर्धारित करने के लिए मंत्रालय के आदेश की समीक्षा कर रही है।

मुकदमेबाजी भी चल रही है

डीटीएच लाइसेंस शुल्क मामला पहले से ही मुकदमेबाजी के कई दौर के माध्यम से किया गया है। कंपनी ने कहा कि इस मामले में भविष्य में जो भी अपडेट होगा उसे स्टॉक एक्सचेंज को बताया जाएगा। डिश टीवी को अक्टूबर 2003 में डीटीएच लाइसेंस मिला था। मंत्रालय ने अपने पत्र में यह भी कहा है कि यह रकम आगे वेरिफिकेशन और ऑडिट के अलावा टीडीसैट, जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित विभिन्न अदालती मामलों के परिणाम के अधीन है।

2014 में डिमांड नोटिस जारी हुआ

डिश टीवी के मुताबिक, मंत्रालय ने वर्ष 2012-13 तक डीटीएच लाइसेंस जारी करने की तारीख से संबंधित लाइसेंस शुल्क के लिए वर्ष 2014 में डिमांड नोटिस जारी किया था। उस डिमांड नोटिस को कंपनी ने टेलीकॉम विवाद निपटान अपीलीय न्यायाधिकरण (टीडीसैट) के समक्ष चुनौती दी थी। फिर उस पर टीडीसैट द्वारा रोक लगा दी गई है जो आज तक लागू है।

हाई कोर्ट में लंबित है मामला

इसके अलावा, कंपनी की एक याचिका जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट में भी लंबित है, जहां अन्य बातों के साथ-साथ लाइसेंस शुल्क की रकम और उपयोगिता (quantum or applicability) पर ब्याज लगाने को चुनौती दी गई है। इसने कहा कि जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट और केरल हाई कोर्ट के आदेशों, टीडीसैट के आदेश और सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रिट पेंडिंग हैं। इस कारण कंपनी सूचना और सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा उठाई गई 24 दिसंबर की मांग से सहमत नहीं है।

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