गुरु गोविंद सिंह जयंती: योगी ने गुरुद्वारे में टेका मत्था, बोले-देश हमेशा याद रखेगा सिख समाज का बलिदान

लखनऊ। आज पूरा देश सिख संप्रदाय के 10वें गुरु गोविंद सिंह की जयंती मना रहा है। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ में यहियागंज स्थित गुरुद्वारा पहुंचे। उनके साथ उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और कानून मंत्री ब्रजेश पाठक भी थे। इस मौके पर योगी ने गुरु ग्रंथ साहिब को मत्था टेका।

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योगी ने कहा कि यह देश सिख गुरुओं और इस परंपरा में पैदा होने वाले सभी महान बलिदानियों का सदैव कृतज्ञ भाव से सम्मान करेगा। उसी सम्मान को व्यक्त करने के लिए आज फिर से आपके बीच आया हूं।

बच्ची को सीएम योगी ने दुलार दिया।
बच्ची को सीएम योगी ने दुलार दिया।

यहियागंज गुरुद्वारे में ठहरे थे गुरु गोविंद सिंह

यहियागंज गुरुद्वारे का गुरु गोविंद सिंह से गहरा नाता रहा है। कहा जाता है कि साल 1670 में माता-पिता के साथ आनंदपुर साहिब से पटना जाते समय दो माह 13 दिन यहियागंज गुरुद्वारा में ठहरे थे। ऐसे में उनके जन्मोत्सव पर गुरुद्वारे को फूलों से सजाया गया। कीर्तन व लंगर का आयोजन हुआ।

नाका हिंडोला गुरुद्वारा में मनाया जा रहा प्रकाश पर्व

लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बग्गा ने बताया कि दो दिवसीय आयोजन के पहले दिन पंच प्यारे की अगुआई में नगर कीर्तन यात्रा निकाली गई। बुधवार को कोरोना संक्रमण की गाइड लाइन के साथ आयोजन किया गया। लंगर सेवा के लिए सेवादारों की कतार लगी रही।

महिलाएं व पुरुष सेवादार लगे रहे। लंगर के साथ समापन हुआ। गुरुद्वारा यहियागंज के सचिव मनमोहन सिंह हैप्पी ने बताया कि सुबह फूलों की वर्षा के साथ प्रकाशोत्सव मनाया गया। सजे दरबार हाल में सुबह से ही संगतों की कतार लगी रही।

गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी ने सीएम योगी को प्रतीक चिन्ह दिया।
गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी ने सीएम योगी को प्रतीक चिन्ह दिया।

गुरुद्वारे के प्रवक्ता हरजीत सिंह ने बताया कि अध्यक्ष निर्मल सिंह के संयोजन में हर दिन आयोजन होंगे। गुरुद्वारा सदर के अध्यक्ष हरपाल सिंह जग्गी ने बताया कि सुबह विशेष प्रकाश किया गया। गुरुद्वारा मानसरोवर के अध्यक्ष संपूर्ण सिंह बग्गा ने बताया कि सुबह प्रकाश के साथ दीवान सजाया गया। सुरक्षा के चलते सूखे राशन का लंगर बांटा गया। गुरुद्वारा आशियाना के अध्यक्ष जगमोहन सिंह व चेयरमैन जेएस चड्ढा के संयोजन में विशेष प्रकाश किया गया। गुरुद्वारा आलमबाग में सामूहिक दस्तार बंदी के साथ ही आयोजन शुरू हो गए। 31 जनवरी को मुख्य आयोजन होगा।

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