नई दिल्ली। बाजार नियामक सिक्युरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप के बीच हुई डील को मंजूरी दे दी है। SEBI ने अमेजन की आपत्ति के बावजूद यह मंजूरी दी है। रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच अगस्त 2020 में 24713 करोड़ रुपए का सौदा हुआ था। इसके तहत फ्यूचर ग्रुप का रिटेल, होलसेल और लॉजिस्टिक्स कारोबार रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड को बेचा जाएगा। इस सौदे का अमेजन डॉट कॉम विरोध कर रहा है।
BSE की रिपोर्ट के आधार पर दी मंजूरी
रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप डील को लेकर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने ‘कोई प्रतिकूल अवलोकन नहीं’ रिपोर्ट दी है। इसी रिपोर्ट के आधार पर SEBI ने इस सौदे को सशर्त मंजूरी दी है। SEBI ने कहा है कि इस सौदे के लिए शेयर होल्डर्स या नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की मंजूरी लेनी होगी।
साथ ही यह मंजूरी दिल्ली हाईकोर्ट और सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत में लंबित मामलों के फैसलों पर निर्भर करेगी। BSE ने SEBI को भेजी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि अदालतों में लंबित मामलों के फैसलों की शर्त के साथ ड्राफ्ट स्कीम को मंजूरी दी जा सकती है।
अमेजन ने लगाई थी डील को रोकने की गुहार
अमेरिका की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने SEBI और अन्य रेगुलेटर एजेंसियों से रिलायंस-फ्यूचर डील को मंजूरी ना देने की गुहार लगाई थी। अमेजन ने दिल्ली हाईकोर्ट और सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत में लंबित मामलों का हवाला दिया था।
अब अमेजन के प्रवक्ता का कहना है कि BSE और NSE की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि SEBI की मंजूरी लंबित मामलों और अन्य कानूनी प्रक्रिया पर निर्भर है। हम अपने अधिकारों को लागू करने के लिए कानूनी उपायों का पालन जारी रखेंगे।
सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत लगा चुकी है डील पर रोक
रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप डील के विरोध में अमेजन ने सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत का दरवाजा खटखटाया था। अदालत के एकमात्र मध्यस्थ वीके राजा ने अमेजन की याचिका पर इस डील पर रोक लगा दी थी। हालांकि, अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है। अब इस मामले में तीन सदस्यीय मध्यस्थता पीठ अंतिम निर्णय करेगी। इस पीठ में फ्चूचर और अमेजन की ओर से एक-एक सदस्य नामित होंगे। एक सदस्य तटस्थ होगा।
ये है अमेजन की आपत्ति
अगस्त 2019 में अमेजन ने फ्यूचर कूपंस में 49% हिस्सेदारी खरीदी थी। इसके लिए अमेजन ने 1,500 करोड़ रुपए का भुगतान किया था। इस डील में शर्त थी कि अमेजन को तीन से 10 साल की अवधि के बाद फ्यूचर रिटेल लिमिटेड की हिस्सेदारी खरीदने का अधिकार होगा।
साथ ही फ्यूचर रिटेल की हिस्सेदारी रिलायंस इंडस्ट्रीज को ना बेचने की शर्त भी थी। इस दौरान किशोर बियानी ने फ्यूचर ग्रुप के खुदरा स्टोर, होलसेल और लॉजिस्टिक्स कारोबार को रिलायंस को बेचने का सौदा कर लिया। इसी के खिलाफ अमेजन ने मध्यस्थता अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
फ्यूचर ग्रुप की याचिका को खारिज कर चुका है दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट फ्यूचर ग्रुप की उस याचिका को खारिज कर चुका है जिसमें अमेजन को इस सौदे में दखल देने से रोकने की मांग की थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने SEBI से कहा था कि वह फ्यूचर ग्रुप की ओर से दाखिल स्कीम को मंजूरी दे सकता है। कोर्ट ने कहा था कि फ्यूचर रिटेल के बोर्ड की ओर से पारित की गई रेजोल्यूशन स्कीम और रिलायंस को कारोबार की बिक्री वैध है। अमेजन की ओर से किया गया दावा अवैध है। अमेजन के विरोध से स्कीम की मंजूरी पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
अगस्त में हुआ था सौदा
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने अगस्त में किशोर बियानी के फ्यूचर ग्रुप को खरीदने की घोषणा की थी। यह सौदा 24,713 करोड़ रुपए में हुआ था। इस सौदे के तहत फ्यूचर ग्रुप का रिटेल, होलसेल, लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउसिंग कारोबार रिलायंस को मिलेगा। रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड और रिलायंस रिटेल एंड फैशन लाइफस्टाइल लिमिटेड ने फ्यूचर ग्रुप के इन कारोबारों को खरीदा है। रिलायंस ने देश में रिटेल कारोबार के विस्तार के लिए यह सौदा किया था।
कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया ने भी दी मंजूरी
रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच हुए सौदे को कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) भी मंजूरी दे चुका है। इस सौदे के तहत फ्यूचर ग्रुप के देशभर में फैले 1800 स्टोर से ज्यादा स्टोर रिलायंस रिटेल को मिलेंगे। इसमें फ्यूचर ग्रुप के बिग बाजार, FBB, ईजीडे, सेंट्रल फूडहॉल फॉर्मेट्स के स्टोर शामिल हैं। फ्यूचर ग्रुप के यह स्टोर देश के 420 शहरों में स्थित हैं। इस अधिग्रहण के तहत फ्यूचर ग्रुप कुछ खास कंपनियों का फ्यूचर एंटरप्राइजेज लिमिटेड में विलय करेगा।
दो महीने में पूरी हो जाएगी डील
हाल ही में फ्यूचर ग्रुप के फाउंडर और CEO किशोर बियानी ने कहा था कि SEBI की मंजूरी के बाद रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप डील दो महीने में पूरी हो जाएगी। किशोर बियानी ने कहा था कि अमेजन के साथ विवाद पर सुनवाई और रिलायंस के साथ डील, दोनों साथ चलती रहेंगी। बियानी के अनुसार, कोविड-19 लॉकडाउन के बाद फ्यूचर ग्रुप का बिजनेस बुरी तरह प्रभावित हुआ था।
कर्ज भी काफी बढ़ गया था। हम तब से अमेजन के संपर्क में थे। लेकिन उन्होंने हमारी मदद नहीं की। रिलायंस के साथ बातचीत शुरू हुई तो उसकी जानकारी भी उन्हें दी गई। मामला कोर्ट में जाने के बाद से हम उनसे बात नहीं कर रहे हैं।