लोन देने वाले ऐप्स पर सरकार सख्त: ED-CID ने चीन से जुड़े ऐप के खिलाफ जांच शुरू की

नई दिल्ली। चीन से जुड़े लोन देने वाले ऐप्स या फिनटेक लैंडर्स पर सरकार ने सख्ती शुरू कर दी है। ऐसी करीब 2 दर्जन फिनटेक कंपनियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) और क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट्स (CID) ने जांच शुरू कर दी है। इसके अलावा कई राज्यों की पुलिस भी जांच में शामिल हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्नैपईट लोन, बबल लोन, गो कैश और फ्लिप कैश जैसी फिनटेक कंपनियों जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं।

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पेटीएम-रेजरपे से भुगतान पर रोक लगाने को कहा

जांच एजेंसियों ने पेटीएम और रेजरपे जैसे पेमेंट गेटवे से इन फिनटेक कंपनियों के ट्रांजेक्शन और भुगतान पर रोक लगाने को कहा है। एक सूत्र के मुताबिक, रेजरपे और पेटीएम जैसे पेमेंट गेटवे इन कंपनियों के बल्क ट्रांजेक्शन में शामिल रहते हैं। सूत्र के मुताबिक, जांच एजेंसियों ने इन पेमेंट गेटवे से संदिग्ध कंपनियों के अकाउंट खोलने का कारण भी पूछा है।

इस मामले से वाकिफ एक अधिकारी का कहना है कि इसमें कुछ गड़बड़ है। पेमेंट गेटवे ज्यादा कैशफ्लो जेनरेट करने की जल्दबाजी में रहते हैं। इस कारण वे इन चाइनीज कंपनियों के अकाउंट खोलते हैं। इनको रुपयों का वास्तविक सोर्स पता करने के लिए नो-योर-कस्टमर (KYC) चेक करना होगा।

पिछले तीन महीने में 300 से ज्यादा ऐप बैन किए

इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए रेजरपे ने कहा कि वित्तीय सेवाओं के कारोबार में होने के नाते हम संदिग्ध मर्चेंट्स की लॉ अथॉरिटीज के पास रिपोर्ट करते हैं। साथ ही सक्रियता दिखाते हुए ऐसे मर्चेंट्स को ब्लॉक किया जाता है। इसके अलावा हम लॉ अथॉरिटीज को KYC और अन्य जानकारी उपलब्ध कराने में मदद करते हैं।

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले में रेजरपे के खिलाफ कोई कार्यवाही या जांच नहीं हो रही है। रेजरपे ने पिछले तीन महीने में 300 से 400 ऐप्स को बैन किया है। हालांकि, पेटीएम की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

रेजरपे का इस्तेमाल करते हैं 95% मनी लैंडिंग ऐप

एक अन्य सूत्र के मुताबिक, ED और CID ने जिन मनी लैंडिंग ऐप्स को स्क्रूटनी के लिए बुलाया है। उसमें से 95% ऐप पेमेंट गेटवे के तौर पर रेजरपे का इस्तेमाल करते हैं। इस मामले से वाकिफ एक अधिकारी का कहना है कि उन्हें शिकायतों के आधार पर राज्यों के पुलिस विभागों से चीनी ऐप्स की एक लिस्ट मिली है।

इसके अलावा इन ऐप्स के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में ED भी जांच कर रही है। एजेंसियां यह सुनिश्चित कर रही हैं कि रेजरपे ने इन कंपनियों को ऑनबोर्ड करते समय मर्चेंट KYC और ड्यू डिलिजेंस का पालन किया है या नहीं।

रेजरपे को संदिग्ध ऐप्स को हटाने के लिए लिस्ट भेजी

इस मामले से वाकिफ एक सूत्र के मुताबिक, रेजरपे को संदिग्ध ऐप्स की एक लिस्ट भेजी गई है। साथ ही इन ऐप्स को अपने प्लेटफॉर्म से हटाने को कहा है। एक अधिकारी का कहना है कि इस मामले में भारत-चीन के बीच प्रचलित बदले की भावना भी एक अहम भूमिका निभा रही है। इसका कारण यह है कि अधिकांश ऐप का मालिकाना हक चीनी व्यक्तियों या कंपनियों के पास है।

2020 में रेजरपे के लैंडिंग-बेस्ड ट्रांजेक्शन 65% बढ़े

टाइगर ग्लोबल के निवेश वाला रेजर देश में सबसे व्यापक भुगतान और तकनीक वाला प्लेटफॉर्म है। यह स्मॉल मर्चेंट्स, इंडिविजुअल्स और फ्रीलांसर्स को एंड-टू-एंड डिजिटल ऑनबोर्डिंग की सेवा प्रदान करता है। रेजरपे के मुताबिक, 2020 में उसके प्लेटफॉर्म पर लैंडिंग-बेस्ट ट्रांजेक्शन में 65% की ग्रोथ रही है। 2019 में इसमें 51% की ग्रोथ रही थी।

गूगल ने 450 से ज्यादा ऐप्स को प्लेस्टोर से हटाया

हाल ही में गूगल ने पर्सनल लोन देने वाले 453 ऐप्स को प्ले स्टोर से हटा दिया है। ये ऐप्स कंपनी की यूजर सेफ्टी पॉलिसी का उल्लंघन कर रहे थे। इनके जरिए लोन लेने वाले यूजर के डेटा से छेड़खानी भी की जा रही थी। गूगल ने बताया कि यूजर की सेफ्टी हमारे लिए सबसे ऊपर है।

अगर इन्हें किसी अन्य प्लेटफॉर्म से इन्स्टॉल किया जाता है, तो डेटा सिक्योरिटी को लेकर गूगल जिम्मेदार नहीं होगा। गूगल ने ऐसे ऐप्स की लिस्ट जारी नहीं की है, लेकिन सोशल मीडिया पर एक लिस्ट वायरल हो रही है, जिसमें ऐसे 453 ऐप्स दिए गए हैं और ये प्ले स्टोर पर ओपन भी नहीं हो रहे हैं।

RBI ने कहा- रजिस्ट्रेशन की जांच जरूर करें

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का कहना है कि लोन देने वाली किसी लिस्टेड वेबसाइट या उसके ऐप पर जाते हैं, तब यह जरूर देखें कि वो RBI से रजिस्टर्ड है। या फिर RBI से रजिस्टर्ड किसी बैंक या NBFC के साथ काम कर रहा है। लोन देने वाली सभी कंपनियों को अपनी कंपनी पहचान संख्या (CIN) और सर्टिफिकेट ऑफ रजिस्ट्रेशन (CoR) को साफ तौर पर दिखाना होगा।

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