फ्यूचर रिटेल विवाद: विदेशी निवेश के नियमों के उल्लंघन में फंसी अमेजन, केस दर्ज

नई दिल्ली। ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन का फ्यूचर रिटेल के साथ विवाद चल रहा है। अब कंपनी विदेशी निवेश के नियमों के उल्लंघन पर फंस गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अमेजन के खिलाफ फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत केस दर्ज कर लिया है। फ्यूचर रिटेल के साथ सौदे में विदेशी निवेश के नियमों के उल्लंघन में यह केस दर्ज किया गया है।

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वाणिज्य मंत्रालय के निर्देश पर दर्ज हुआ केस

वाणिज्य मंत्रालय ने ED को अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ FDI नियमों के संदिग्ध उल्लंघन की जांच करने का निर्देश दिया था। इसके बाद ही ED ने अमेजन के खिलाफ केस दर्ज किया है। हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट ने भी फ्यूचर रिटेल सौदे में अमेजन की ओर से विदेशी निवेश के नियमों के उल्लंघन की आशंका जताई थी।

अमेजन का केस की जानकारी होने से इनकार

दिल्ली हाईकोर्ट ने फ्यूचर रिटेल विवाद में कहा था कि अमेजन अनलिस्टेड यूनिट के साथ हुए समझौते के आधार पर भारतीय कंपनी पर कंट्रोल करना चाहता है। ऐसे में अमेजन के खिलाफ FEMA और FDI कानूनों के उल्लंघन की जांच होनी चाहिए। उधर, अमेजन के प्रवक्ता का कहना है कि उन्हें अमेजन इंडिया के खिलाफ ED के नए केस की जानकारी नहीं है।

ये है अमेजन की आपत्ति

अगस्त 2019 में अमेजन ने फ्यूचर कूपंस में 49% हिस्सेदारी खरीदी थी। इसके लिए अमेजन ने 1,500 करोड़ रुपए का भुगतान किया था। इस डील में शर्त थी कि अमेजन को तीन से 10 साल की अवधि के बाद फ्यूचर रिटेल लिमिटेड की हिस्सेदारी खरीदने का अधिकार होगा। साथ ही फ्यूचर रिटेल की हिस्सेदारी रिलायंस इंडस्ट्रीज को ना बेचने की शर्त भी थी।

इस दौरान किशोर बियानी ने फ्यूचर ग्रुप के खुदरा स्टोर, होलसेल और लॉजिस्टिक्स कारोबार को रिलायंस को बेचने का सौदा कर लिया। इसी के खिलाफ अमेजन ने मध्यस्थता अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

SEBI ने दी रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप डील को मंजूरी

बाजार नियामक सिक्युरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप के बीच हुई डील को मंजूरी दे दी है। रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच अगस्त 2020 में 24,713 करोड़ रुपए का सौदा हुआ था। इसके तहत फ्यूचर ग्रुप का रिटेल, होलसेल और लॉजिस्टिक्स कारोबार रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड को बेचा जाएगा। इस सौदे का अमेजन डॉट कॉम विरोध कर रहा है।

सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत लगा चुकी है डील पर रोक

रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप डील के विरोध में अमेजन ने सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत का दरवाजा खटखटाया था। अदालत के एकमात्र मध्यस्थ वीके राजा ने अमेजन की याचिका पर इस डील पर रोक लगा दी थी। हालांकि, अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है। अब इस मामले में तीन सदस्यीय मध्यस्थता पीठ अंतिम निर्णय करेगी। इस पीठ में फ्चूचर और अमेजन की ओर से एक-एक सदस्य नामित होंगे। एक सदस्य तटस्थ होगा।

अगस्त में हुआ था सौदा

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने अगस्त में किशोर बियानी के फ्यूचर ग्रुप को खरीदने की घोषणा की थी। यह सौदा 24,713 करोड़ रुपए में हुआ था। इस सौदे के तहत फ्यूचर ग्रुप का रिटेल, होलसेल, लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउसिंग कारोबार रिलायंस को मिलेगा। रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड और रिलायंस रिटेल एंड फैशन लाइफस्टाइल लिमिटेड ने फ्यूचर ग्रुप के इन कारोबारों को खरीदा है। रिलायंस ने देश में रिटेल कारोबार के विस्तार के लिए यह सौदा किया था।

कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया ने भी दी मंजूरी

रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच हुए सौदे को कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) भी मंजूरी दे चुका है। इस सौदे के तहत फ्यूचर ग्रुप के देशभर में फैले 1800 स्टोर से ज्यादा स्टोर रिलायंस रिटेल को मिलेंगे। इसमें फ्यूचर ग्रुप के बिग बाजार, FBB, ईजीडे, सेंट्रल फूडहॉल फॉर्मेट्स के स्टोर शामिल हैं। फ्यूचर ग्रुप के यह स्टोर देश के 420 शहरों में स्थित हैं। इस अधिग्रहण के तहत फ्यूचर ग्रुप कुछ खास कंपनियों का फ्यूचर एंटरप्राइजेज लिमिटेड में विलय करेगा।

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