नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया से आपत्तिजनक और भड़काऊ सामग्री हटाने की व्यवस्था बनाने और ऐसी सामग्री के लिए फेसबुक, ट्विटर की भी जवाबदेही तय करने की मांग पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। चीफ जस्टिस एसए बोब्डे की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस याचिका को इसी मामले में दायर एक और याचिका के साथ सुनवाई के लिए टैग कर दिया है।
यह याचिका एक अधिवक्ता विनीत कुमार ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि यू-ट्यूब, ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर वीडियो अपलोड करने के लिए केवल एक अकाउंट का रजिस्टर होना जरूरी होता है। इसका मतलब है कि कोई व्यक्ति सोशल मीडिया पर कुछ भी डाल सकता है। उसके कंटेंट पर सरकार की ओर से कोई रोक या रेगुलेशन नहीं है।
याचिका में दो ट्वीट की चर्चा की गई है जिसमें @ArmimNavabi के अकाउंट से हिन्दू देवियों के खिलाफ आपत्तिजनक ट्वीट का जिक्र किया गया है। याचिका में कहा गया है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बिना कर्तव्य और जिम्मेदारी के पूर्ण नहीं है। इसलिए इसे लेकर कानून बनाने की जरूरत है। याचिका में दूसरे देशों की ओर से किए जा रहे रेगुलेशन की चर्चा की गई है, जिसमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और जिम्मेदारी में संतुलन कायम करने की कोशिश की गई है।