कृषि बिल पर 15 घंटे बहस LIVE: आजाद बोले- बिल वापस हो, PM खुद करें ऐलान

नई दिल्ली। संसद के बजट सेशन में सरकार किसानों के मुद्दे पर चर्चा के लिए राजी हो गई है। इसके लिए राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में चल रही चर्चा में एक्स्ट्रा टाइम को एडजस्ट किया जाएगा। पहले इस पर 10 घंटे चर्चा होनी थी। अब बुधवार और गुरुवार के प्रश्नकाल-शून्यकाल को मिलाकर कुल 15 घंटे चर्चा होगी। 18 विपक्षी दलों को किसानों के मुद्दे पर भी बात करने का मौका मिलेगा।

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गुलाम नबी ने कहा- प्रधानमंत्री खुद कानून वापस लेने का ऐलान करें
राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने चर्चा की शुरुआत की। उन्होंने कहा, ‘सरकार को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने चाहिए, प्रधानमंत्री खुद ये ऐलान करें तो अच्छा होगा। अंग्रेजों के जमाने से किसानों का संघर्ष होते रहा है। अंग्रेजों को भी किसानों के आगे झुकना पड़ा। किसान विरोधी कानून वापस लेने पड़े।’

‘पगड़ी संभाल जट्‌टा क्रांतिकारी गीत बन गया’
उन्होंने कहा, ‘1906 में अंग्रेज हुकूमत ने किसानों के खिलाफ तीन कानून बनाए थे और उनका मालिकाना हक ले लिया था। इसके विरोध में 1907 में सरदार भगत सिंह के भाई अजीत सिंह के नेतृत्व में पंजाब में आंदोलन हुआ और उसे लाला लाजपत राय का भी समर्थन मिला। पूरे पंजाब में प्रदर्शन हुए। उस समय एक अखबार के संपादक बांके दयाल ने पगड़ी संभाल जट्‌टा, पगड़ी संभाल वे कविता लिखी जो बाद में क्रांतिकारी गीत बन गया। अंग्रेजों को कानून में कुछ बदलाव करने पड़े। इससे लोग और भड़क गए। बाद में अंग्रेजों ने तीनों कानूनों को वापस लिया।’

थरूर के समर्थन में गुलाम नबी बोले- जो मंत्री रहा हो, वह देशद्रोही कैसे?
गुलाम नबी ने कहा कि कुछ वरिष्ठ पत्रकारों, सांसद शशि थरूर के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है, जिसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि जो व्यक्ति विदेश राज्य मंत्री रहा हो, वह देशद्रोही कैसे हो सकता है?

कश्मीर के मुद्दे पर उन्होंने कहा, ‘कश्मीर के छोटे कर्मचारी दो साल से घर में बैठे हैं। टूरिज्म खत्म हो गया। एजुकेशन खत्म हो गई, क्योंकि कोविड की वजह से स्कूल-कॉलेज बंद रहे। अभी भी बंद हैं। कुछ जगह ऑनलाइन एजुकेशन शुरू हुई है। कश्मीर में तो अभी भी 2जी है। कश्मीर में सड़कों की हालत खराब है। अच्छी बात ये हुई कि लोकल बॉडी (DDC) के इलेक्शन हुए, लेकिन प्रधानमंत्रीजी को इसके अलावा बाकी कुछ दिखाई नहीं देता।’

आप के 3 सांसद दिनभर की कार्यवाही से बाहर किए गए
बुधवार को जब राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो आम आदमी पार्टी (आप) के सांसदों संजय सिंह, सुशील कुमार गुप्ता और एनडी गुप्ता ने किसानों के मुद्दे पर नारेबाजी और हंगामा शुरू कर दिया। सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा, ‘जब किसानों के मुद्दे पर चर्चा की सहमति बन चुकी है तो कार्यवाही में खलल क्यों पैदा कर रहे हैं? ऐसी स्थिति न बनाएं कि मुझे मार्शलों को बुलाकर आपको बाहर करना पड़े।’ तीनों सांसद इस पर भी नहीं माने और नारेबाजी करते रहे। इसके बाद सभापति ने उन्हें दिनभर की कार्यवाही से सस्पेंड कर दिया।

कार्यवाही की मोबाइल रिकॉर्डिंग से सभापति नाराज
सभापति नायडू ने सदन में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि कुछ सदस्य अपने चैंबर से सदन की कार्यवाही की मोबाइल से रिकॉर्डिंग करते देखे गए हैं। यह संसदीय मर्यादा के खिलाफ है। इस तरह कार्यवाही को रिकॉर्ड करना और सोशल मीडिया पर सर्कुलेट करना सदन की अवमानना (कंटेम्प्ट) का मामला हो सकता है।

किसानों के मुद्दे पर मंगलवार को भी हंगामा हुआ था
मंगलवार को राज्यसभा में विपक्षी दलों ने किसानों के मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए नारेबाजी की, लेकिन चर्चा नहीं की गई। तीन बार कार्यवाही स्थगित होने के बाद दोपहर 12.30 बजे जब सदन शुरू हुआ तो फिर जय जवान, जय किसान के नारे लगने लगे। हंगामा बढ़ते देख राज्यसभा की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।

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