लखनऊ। देश के साथ उत्तर प्रदेश में भी कोरोना वायरस संक्रमण का असर कम होने से लगभग सारी गतिविधि फिर से पटरी पर है। इसी क्रम में योगी आदित्यनाथ सरकार भी उत्तर प्रदेश विधानमंडल का बजट सत्र आहूत कर रही है। विधान मंडल का बजट सत्र 18 फरवरी से शुरू हो रहा है, जिसमें 22 फरवरी को उत्तर प्रदेश का बजट पेश होगा। इस बजट में प्रदेश सरकार की योजना विधायक निधि बहाल करने की भी है। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण सरकार ने विधायक निधि को रोक दिया था।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार 22 फरवरी को पांचवां बजट पेश करेगी। इस बार बजट में सरकार का फोकस 2022 के विधानसभा चुनाव पर भी रहेगा। इसी क्रम में विधायक निधि को भी बहाल करने की योजना है। कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से विधायक निधि को सस्पेंड किया गया था। सरकार इस बार के बजट में इसकी बहाली को घोषणा भी सरकार कर सकती है।
इस निधि की राशि पिछले बजट में दो करोड़ से बढ़ाकर तीन करोड़ की गई थी, लेकिन कोरोना संकट की वजह से सरकार ने मौजूदा वित्तीय वर्ष स्थगित कर दिया था। अब सरकार को भी 2022 के चुनाव की तैयारी करनी है, इसी कारण विधायक निधि को बहाल किया जा सकता है। जिससे विधायक इस निधि की धनराशि का खर्च अपने-अपने क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए कर सकें।
विधानमंडल के बजट सत्र में पहले दिन 18 फरवरी को दोनों सदन के सदस्यों के समक्ष में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का अभिभाषण होगा। इसके बाद प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना 22 फरवरी को प्रदेश का बजट पेश करेंगे। योगी आदित्यनाथ सरकार के इस कार्यकाल के अंतिम वित्तीय वर्ष (2021-22) का बजट पिछले वर्ष की तुलना में काफी बड़ा हो सकता है। संभावना है कि सरकार बेरोजगारों के लिए किसी योजना का ऐलान करने के साथ ही उद्यमियों के लिए भी खास तोहफा ला सकती है।