नई दिल्ली। पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने अटल पेंशन योजना (APY) और नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) को लेकर डाटा जारी किया है। इसके तहत बीते 1 साल में (31 जनवरी 2021 तक) इन योजनाओं में जुड़ने वालों के संख्या में 22% की बढ़ोतरी हुई है। इसी के साथ नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत विभिन्न योजनाओं में सब्सक्राइबर्स की संख्या बढ़कर 4.05 करोड़ तक पहुंच गई है। एक साल पहले इसी अवधि में दोनों योजनाओं से जुड़े सब्सक्राइबर्स की संख्या 3.33 करोड़ थी।
एसेट्स अंडर मैनेजमेंट भी 36% बढ़ा
PFRDA के अनुसार, 31 जनवरी, 2021 तक कुल पेंशन एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) 5.56 लाख करोड़ रुपए रही जो सालाना आधार पर 35.94% वृद्धि को बताता है। अटल पेंशन योजना के तहत अंशधारकों की संख्या जनवरी 2021 में 31.17% बढ़कर 2.65 करोड़ पहुंच गई, जो एक साल पहले इस दौरान 2.02 करोड़ थी।
NPS के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों की संख्या जनवरी 2021 में 3.74% बढ़कर 21.61 लाख रही, जबकि राज्य सरकार के कर्मचारियों का आधार 7.44% बढ़कर 50.43 लाख रहा। NPSस के तहत सभी नागरिक श्रेणी में अंशधारकों की संख्या 31.72% बढ़कर 14.95 लाख, जबकि कॉरपोरेट क्षेत्र में 17.71% बढ़कर 10.90 लाख पहुंच गई।
ऑनलाइन वीडियो KYC के जरिए खोल सकते हैं खाता
कोरोना महामारी को देखते हुए PFRDA ने हाल ही में नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत खाता खोलने, खाते से पैसा निकालने और खाता बंद करने सहित अन्य कामों के लिए वीडियो बेस्ड कस्टमर आइडेंटिटी प्रोसेस (वीडियो KYC) की अनुमति दी है।
अटल पेंशन योजना में मिलती है 5 हजार रु. की पेंशन
अटल पेंशन योजना के तहत 60 साल का होने पर हर महीने 1000 से लेकर 5000 रुपए की पेंशन मिलती है। इसमें 18 साल से 40 साल तक का व्यक्ति इसमें निवेश कर सकता है। कोई शख्स इस स्कीम को लेता है तो उसे कम से कम 20 साल निवेश करना होगा। स्कीम में शामिल होने के लिए सेविंग बैंक अकाउंट, आधार और एक्टिव मोबाइल नंबर का होना जरूरी है। 1 से 5 हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन लेने के लिए सब्सक्राइबर को 42 से लेकर 210 रुपए प्रतिमाह तक भुगतान करना होगा।
NPS भी है शानदार विकल्प
नेशनल पेंशन स्कीम में 18 से 60 साल तक कोई भी व्यक्ति शामिल हो सकता है। कोई भी व्यक्ति अपने कामकाजी जीवन के दौरान पेंशन खाते में नियमित रूप से योगदान दे सकता है। इकठ्ठा हुए पैसे के एक हिस्से को वह एक बार में निकाल भी सकता है और बची हुई राशि का इस्तेमाल रिटायरमेंट के बाद नियमित आय प्राप्त करने के लिए कर सकता है।