लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को अपना 5वां व कार्यकाल का आखिरी बजट पेश किया। यह पहला मौका था जब सरकार ने पेपरलेस बजट जारी किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व अन्य BJP नेताओं ने समावेशी बजट कहा तो विपक्ष ने इसे ट्रूथलेस और विकासलेस करार दिया है।
Advertisement
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि BJP सरकार का बजट भी केंद्र सरकार के बजट की तरह ही निकला। प्रदेश में खासकर बेरोजगारी की क्रूरता दूर करने के लिए रोजगार आदि के मामले में अति-निराश करने वाला है। वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि, नौजवानों के विश्वास के साथ विश्वासघात किया गया है।
बजट छलावा, दिखावा और ब्रांडिंग के लिए कुछ नहीं: मायावती
- पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार की तरह UP के बजट में भी वायदे व हसीन सपने जनता को दिखाने का प्रयास किया गया है। UP की लगभग 23 करोड़ जनता के विकास की लालसा की तृप्ति के मामले में यूपी सरकार का रिकार्ड केंद्र व UP में एक ही पार्टी की सरकार होने के बावजूद भी वायदे के अनुसार संतोषजनक नहीं रहा। खासकर गरीबों, कमजोर वर्गों व किसानों की समस्याओं के मामले में भी बजट अति-निराशाजनक।
- जब 2017 में सरकार आई थी, तब कृषक समृद्धि आयोग बनाया गया था। मुख्यमंत्री अध्यक्ष थे। लेकिन एक भी बैठक नहीं हुई। इसकी कोई भी योजना नहीं बनी हैं। अब आत्मनिर्भर कृषि समर्पित विकास योजना को लाने का काम छलावा दिखावा और ब्रांडिंग के अलावा और कुछ नहीं है।
- कोई भी कहीं धान क्रय केंद्रों पर चला जाए, कोई रिकॉर्ड खरीदारी नहीं हुई है। हमें उम्मीद थी ये सरकार किसानों के लिए कोई योजना लाएगी। ओला वृष्टि अतिवृष्टि केलिए कुछ करेगी, कोई योजना नहीं दी। बिजली के दाम को भी निजी नलकूप के लिए कोई छूट नही दी और लाठी के अलावा किसान को कोई खाद नहीं मिली हैं।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू।
कोई भी उद्योग नहीं लगा पाई सरकार: अजय कुमार लल्लू
- कांग्रेस अध्यक्ष अजय लल्लू ने कहा कि ये सरकार रोजगार तो चाहती नहीं है। 56 लाख के सापेक्ष 4 लाख रोजगार बताए। 24 में से 22 भर्ती अटकी पड़ी है। एक भी उद्योग सरकार नहीं लगा पाई। बुंदेलखंड हो या पूर्वांचल या मध्यांचल कोई जगह, कहीं भी उद्योग नहीं लगा। निषाद भाइयों को कांग्रेस सरकार में जमीन के पट्टे का अधिकार था, बालू का अधिकार था, उनके लिए कोई योजना नहीं है।
- ब्रांडिंग और PR से UP नहीं मुख्यमंत्री चल सकता है। सुपोषण की बात कही गई। कुपोषण का शिकार सबसे अधिक UP है। गौवंश के लिए भी पर्याप्त बजट नहीं दिया गया।किसानों की आय 2022 तक दोगुना करने को कहा गया है। गन्ने का रिकॉर्ड भुगतान करने को कहा गया। लेकिन असलियत कुछ और है। कोई भी धान क्रय केंद्रों पर चला जाए, कोई रिकॉर्ड खरीदारी नहीं हुई है।
आय कैसे दोगुना करेंगे इसका रोडमैप नहीं: राम गोविंद चौधरी
- नेता विरोधी दल (सपा) रामगोविंद चौधरी ने कहा कि सरकार ने समग्र विकास को बजट समर्पित किया लेकिन उसका अर्थ नहीं बताया। न गन्ना मूल्य बढ़ाने की घोषणा, ना पेट्रोल डीजल गैस का दाम कम करने की घोषणा की, फिर भी कह रहे किसान की आय दोगुना करेंगे।

विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व वित्त मंत्री सुरेश खन्ना।