‘यूपी भेजिए, ढंग से इलाज कर देंगे’, अबू आजमी पर बरसे CM योगी

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अबू आजमी के विवादित बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ‘लोहिया से ज्यादा औरंगजेब समाजवादी पार्टी के आदर्श हैं।’ समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी को मुगल बादशाह औरंगजेब की प्रशंसा करने वाली उनकी हालिया टिप्पणी पर विवाद के बीच महाराष्ट्र विधानसभा से पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया। समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी के औरंगजेब पर दिए गए बयान परयोगी आदित्यनाथ ने कहा कि उस व्यक्ति को (समाजवादी) पार्टी से निकालो और यूपी भेजो, हम उसका इलाज करेंगे।

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योगी ने कहा कि जो व्यक्ति छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत पर शर्म महसूस करता हो, गर्व करने की बजाय औरंगजेब को अपना आदर्श मानता हो, क्या उसे हमारे देश में रहने का अधिकार है? उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी को इसका जवाब देना चाहिए। एक तरफ आप महाकुंभ को दोष देते रहते हैं। दूसरी तरफ आप औरंगजेब जैसे व्यक्ति की प्रशंसा करते हैं, जिसने देश के मंदिरों को नष्ट कर दिया। आप अपने उस विधायक को नियंत्रित क्यों नहीं कर सकते? आपने उनके बयान की निंदा क्यों नहीं की? उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उस व्यक्ति को (समाजवादी) पार्टी से निकालो और यूपी भेजो, हम उसका उपचार करेंगे।

यूपी विधानमंडल का बजट सत्र संपन्न हो गया। बुधवार को विधानसभा और विधानसभा परिषद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। आखिरी दिन दोनों उच्च सदन में सपा ने हंगामा किया।

शिवपाल यादव ने चच्चू कहने पर सीएम योगी पर निशाना साधा। X पर लिखा- चाचा-भतीजा के पीछे वक्त गंवा रहे हो, मुद्दों पर बोलने से क्यों घबरा रहे हो?

बुधवार को सिर्फ 11 मंत्री विधानसभा पहुंचे। ज्यादातर भाजपा विधायक भी नहीं आए। सपा विधायक स्वामी ओमवेश ने सतीश महाना को सुदर्शन चक्रधारी, ज्ञानवान कहकर संबोधित किया। कहा- आपको बारंबार प्रणाम करता हूं। मैं अध्यक्ष के लिए शायरी सुना रहा हूं, मक्खन नहीं लगा रहा।

इधर, सपा विधायक अतुल प्रधान ने सरकार पर जैन समुदाय के साथ भेदभाव का आरोप लगाया। उन्होंने बागपत के बड़ौत में मचान से गिरकर 9 मौतों का जिक्र किया। कहा- सीएम योगी ने बागपत पहुंचकर श्रद्धांजलि नहीं दी। कोई मुआवजा भी नहीं दिया।

अखिलेश यादव ने मृतक के परिजनों को 2-2 लाख रुपए दिए हैं। इस पर मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि मुआवजे की बात सीएम तक पहुंचाई जाएगी। इस पर अतुल प्रधान ने असंतुष्टि जताई। वह सदन से वॉक आउट कर गए।

सुरेश खन्ना ने सपा विधायक संदीप सिंह का जवाब देते हुए कहा- आपकी पीड़ा समझ रहे हैं। सपा विधायक ने 100 से 250 की आबादी वाली बसावट को जोड़ने के लिए सड़क बनाने का सवाल पूछा था।

मंत्री खन्ना ने कहा कि- योगी सरकार 250 तक की आबादी वाले गांव को सड़क से जोड़ने का काम किया। इस साल 150 से 250 की आबादी वाले गांव को सड़क से जोड़ने के लिए 200 करोड़ का फंड रखा है।

सरकार ने पूरे प्रदेश में सर्वे कराकर पता किया गया कि कौन सी सड़क 100, कौन सी 500 और कौन सी 1000 आबादी वाली है। वहीं, अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि हमारे भी भट्‌टे हैं, मालिकों को अफसर परेशान करते हैं।

महाना बोले- हमारे सभी सदस्य जनता के काम करने के लिए इछुक

विधानसभा बजट सत्र पर उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा, “आज विधानसभा में सकारात्मक चर्चा हुई है बहुत अच्छे मुद्दे उठे और सरकार ने जवाब दिया…महाकुंभ का एक सकारात्मक संदेश सबको गया। इसी के साथ-साथ इसके प्रबंधन का संदेश था दुर्भाग्य से एक घटना हुई थी उसके लिए सभी दुखी हैं…बहुत-सी चर्चा हईं। बजट भी पेश हुआ..मैं गर्व के साथ कहता हूं कि हमारे सभी सदस्य शिक्षित हैं जनता के लिए काम करने के लिए उत्सुक हैं।”

अखिलेश का योगी पर तंज- ऊ का औरन के इलाज करे जो खुदए बीमार होए

अखिलेश ने एक कविता के जरिए सीएम योगी पर निशाना साधा। उन्होंने X पर लिखा-

जब आपन कुर्सी हिले तभए मन का आपा खोए। ऊ का औरन के इलाज करे जो खुदए बीमार होए।।

दरअसल, सीएम योगी ने विधानसभा परिषद में अबू आजमी पर हमला किया। उन्होंने कहा- ”उस व्यक्ति को (समाजवादी) पार्टी से निकालो और यूपी भेजो, हम उसका उपचार करेंगे। जो व्यक्ति छत्रपति शिवाजी महाराज की परंपरा पर गर्व करने के बजाय लज्जा महसूस करता है और औरंगज़ेब को अपना नायक मानता है, क्या उसे हमारे देश में रहने का अधिकार होना चाहिए? समाजवादी पार्टी को इसका जवाब देना चाहिए…आप अपने उस विधायक पर नियंत्रण नहीं कर पा रहे हैं? आपने उसके बयान का खंडन क्यों नहीं किया?”

अखिलेश ने अबू आजमी का बचाव किया, कहा- सच की जुबान पर कोई लगाम नहीं लगा सकता

औरंगजेब पर बयान देने के कारण महाराष्ट्र के सपा विधायक अबू आजमी को विधानसभा के बजट सत्र से निलंबित किए जाने के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने X पर लिखा, “निलंबन का आधार यदि विचारधारा से प्रभावित होने लगेगा तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और परतंत्रता में क्या अंतर रह जाएगा। हमारे विधायक हों या सांसद उनकी बेख़ौफ़ दानिशमंदी बेमिसाल है। कुछ लोग अगर सोचते हैं कि ‘निलंबन’ से सच की ज़ुबान पर कोई लगाम लगा सकता है तो फिर ये उनकी नकारात्मक सोच का बचपना है।’

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