पेरिस। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी FATF की मीटिंग जारी है। गुरुवार या शुक्रवार को पाकिस्तान पर बड़ा फैसला आ सकता है। आतंकवाद को पनाह और फंडिंग के आरोप में पाकिस्तान करीब दो साल से FATF की ग्रे लिस्ट में है। पेरिस में जारी मीटिंग में पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट किए जाने का खतरा मंडरा रहा है। इस बीच, हजारों लोगों ने पेरिस में FATF के हेडक्वॉर्टर के सामने इमरान खान सरकार और फौज के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए और पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट किए जाने की मांग की।
दुनिया जानती है कि पाकिस्तान आतंकी पालता है
पेरिस में मंगलवार को पाकिस्तान के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन में पत्रकार, ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स और उईगर समुदाय के लोग भी शामिल थे। इन लोगों ने साफ कहा- पूरी दुनिया जानती है कि पाकिस्तान की फौज और वहां वर्तमान इमरान खान सरकार खुलेआम दुनिया की आंखों में धूल झोंक रही है। वहां आतंकियों के ट्रेनिंग कैम्प चल रहे हैं। आतंकी संगठनों के लिए पैसा जुटाया जा रहा है। इसके बावजूद अगर पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट नहीं किया जाता तो दुनिया खतरे में पड़ जाएगी।
जवाबदेही तय की जाए
पाकिस्तानी जर्नलिस्ट ताहा सिद्दीकी ने कहा- हम यहां इसलिए जुटे हैं ताकि FATF के सदस्य देशों को यह बताया जा सके कि वे चीन के दबाव में न आएं और बिना वक्त गंवाए पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट करें। पाकिस्तान और चीन मिलकर दुनिया को खतरनाक बना रहे हैं। पाकिस्तान खुलेआम आतंकवादियों का समर्थन करता है और उन्हें फंड देता है। अब वक्त आ गया है जब दुनिया पाकिस्तान और चीन के इस नापाक गठजोड़ के खिलाफ बेहद सख्ती से कदम उठाए।
आतंकी रिहा किए जा रहे हैं
पश्तून मूवमेंट से जुड़े फजल रहमान अफरीदी ने कहा- अगर दुनिया को महफूज बनाना है तो पाकिस्तान और चीन जैसे देशों पर लगाम कसनी होगी। वहां पत्रकारों की हत्या कर दी जाती है। इसके गुनहगार आतंकी उमर शेख को रिहा कर दिया जाता है। ओसामा बिन लादेन यहां मिलता है। हर बड़ा आतंकी इसी मुल्क में पनाह लेता है। अब दुनिया को और क्या सबूत चाहिए। वहां की अदालतें भी आतंकियों के हक में फैसले सुना रही हैं। उमर शेख को तो सुप्रीम कोर्ट ने ही रिहा किया।