यूपी चीनी मिल घोटाले में मायावती के करीबी पूर्व MLC की 1000 करोड़ की संपत्ति अटैच

नई दिल्ली/लखनऊ। उत्तर प्रदेश चीनी मिल घोटाले में एक बड़े घटनाक्रम में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को राज्य में 1,000 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की, जिसमें पूर्व एमएलसी मोहम्मद इकबाल की संपत्ति भी शामिल है। जांच से जुड़े ईडी के एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया, “एजेंसी ने सहारनपुर के पूर्व एमएलसी मोहम्मद इकबाल की सात संपत्तियों सहित कुल 1,000 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है।”

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संपत्तियों को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कुर्क किया गया है।

ईडी ने घोटाले के संबंध में केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई एक प्राथमिकी के आधार पर पीएमएलए की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। इस मामले में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी नेतराम, जो तत्कालीन मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती के करीबी विश्वासपात्र थे, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी ईडी की जांच के दायरे में आए हैं।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अप्रैल 2018 में 2010-2011 में 21 चीनी मिलों के विनिवेश की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।

आरोपों के अनुसार, सभी 21 चीनी मिलों को कम कीमतों पर बेच दिया गया और 1,100 करोड़ रुपये इस सौदे में बहा दिए गए। सीबीआई ने 25 अप्रैल, 2019 को इस कथित घोटाले के संबंध में मामला दर्ज किया था।

ईडी अधिकारियों के अनुसार, 2010-11 के दौरान 11 चीनी मिलें बेची गई थीं और उस समय राज्य में बसपा के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में थी।

हाजी इकबाल के मामलों की जांच में आईबी, सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स, सीवीसी, सेबी, डीआरआई, सीबीडीटी, एनजीटी जैसी एजेंसियां शामिल हैं। आपको बता दें कि अवैध खनन के मामले में भी पूर्व एमएलसी मोहम्मद इकबाल आरोपी है। लकड़ी की टाल और फलों का कारोबार करने वाला मोहम्मद इकबाल बीते 15 सालों में सैकड़ों करोड़ का मालिक बन चुका है।

हाल ही में इनके खिलाफ धोखाधड़ी करने के आरोप में जनकपुरी थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। बेहट तहसील के मीरपुर गंदेवड़ के प्रधान विश्वास कुमार ने थाना जनकपुरी में तहरीर देकर बताया कि उसने वैभव मुकुंद के साथ पार्टनरशिप में दो फर्म यमुना एग्रो सॉल्यूशन और यमुना एग्रो टेक फार्म साउथ सिटी दिल्ली रोड बनाई थी।

प्रधान का आरोप है कि उनके फर्जी हस्ताक्षर और डाक्यूमेंट लगाकर पंजाब नेशनल बैंक में फर्जी खाता खोला गया। इससे पूर्व एमएलसी की तीन कंपनियों में लाखों रुपये हस्तांतरित किए गए हैं। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

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