ऑनलाइन कंपनियों को छूट पर यूपी के रिटेलर्स नाराज, बोले- ई-कॉमर्स पर मेहरबानी क्यों?

लखनऊ। लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन कंपनियों को होम डिलीवरी के नाम पर कारोबार की खुली छूट देने का रिटेल कारोबारियों ने विरोध शुरू कर दिया है। प्रदेश के रिटेल कारोबारियों का कहना है कि उनका काम बंद पड़ा है, दूसरी तरफ ऑनलाइन कंपनियों को खुली छूट दे दी गई है। लखनऊ व्यापार मंडल, उप्र उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल और ऑल इंडिया रिटेल मोबाइल एसोसिएशन ( एमरा ) ने इसके खिलाफ मुहिम शुरू की है।

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एमरा ने तो इसको लेकर सोशल मीडिया पर भी अभियान शुरू कर दिया है। एमरा यूपी के प्रदेश अध्यक्ष नीरज जौहर ने बताया कि लॉकडाउन में रिटेल कारोबारी नुकसान झेलकर भी पूरी तरह से सहयोग कर रहा है। लेकिन दूसरी तरफ ऑनलाइन कंपनियों को माल बेचने की छूट दी जा रही है। यह रिटेल सेक्टर के लिए बड़ा नुकसान है।

यूपी में हर साल 72 हजार करोड़ रुपए रेवेन्यू, आधा रिटेल कारोबार से

जीएसटी विभाग के आंकड़ों की बात करे तो यूपी में करीब 20 लाख रिटेल कारोबारी है। उनको इससे भारी नुकसान हो रहा है। प्रदेश में हर साल करीब 72 हजार करोड़ रुपये का रेवेन्यू वाणिज्यकर विभाग को आता है। उसमें करीब पचास फीसदी टैक्स रिटेल की तरफ से आता है। नीरज जौहर और लखनऊ व्यापार मंडल के वरिष्ठ महामंत्री अमरनाथ मिश्रा बताते हैं कि पिछले साल सरकार ने ऑनलाइन कंपनियों पर रोक लगाई थी, लेकिन इस बार यह सब बंद है। इसकी वजह से रिटेल कारोबारियों को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है। खासकर मोबाइल, टीवी, फ्रीज, एसी समेत इलेक्ट्रानिक सामान वाले सेक्टर को सबसे ज्यादा नुकसान है।

रिटेल कारोबार को बंद रखकर ऑनलाइन को बढ़ाने की रणनीति गलत

व्यापारी नेता और राजसभा के पूर्व सांसद बनवारी लाल कंछल कहते हैं कि मौजूदा समय में कारोबारी अपने घर से कर्मचारियों को सैलरी दे रहा है। उसके अलावा बिजली बिल, नगर निगम का हाउस टैक्स, पानी और सीवर समेत तमाम टैक्स देने पड़ रहे हैं। ऐसे में एक सेक्टर को बंद कर दूसरे सेक्टर को आगे बढ़ाने की यह रणनीति गलत है। कारोबारियों ने इसको लेकर पीएम और सीएम को ट्वीट भी किया है।

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