नई दिल्ली. जर्मनी के पोट्सडैम इंस्टीट्यूट फॉर क्लाइमेट इम्पैक्ट रिसर्च ने यह चेतावनी जारी की है कि बढ़ते तापमान की वजह से ग्रीनलैंड स्थित बर्फ की चादर पिघलने के संकेत मिले हैं. यह संकेत पूरी दुनिया को इसलिए चिंता में डाल देने वाले हैं क्योंकि बर्फ की यह चादर 17 लाख वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है. यह पिघलकर अगर पानी में बदल गई तो दुनिया के हर समुद्र का जलस्तर ऊंचा हो जाएगा और कई शहर पानी में समा जायेंगे.
बर्फ की यह चादर अन्टार्कटिका के बाद दुनिया की सबसे बड़ी चादर है. यह चादर पिघलना शुरू हो गई तो इस धरती पर मौजूद कोई भी व्यक्ति इसे पूरी तरह से पिघला हुआ नहीं देख पाएगा क्योंकि यह इतने विशाल क्षेत्रफल का मामला है कि इसे पूरी तरह से पिघलने में करीब नौ सौ साल लगेंगे.
धरती के लगातार बढ़ रहे तापमान की वजह से आये दिन ग्लेशियर पिघलने की खबरें आती रहती हैं और उससे तबाही मचती रहती है. बर्फ की यह चादर 17 लाख वर्ग किलोमीटर में फ़ैली है. इसे पिघलने में 900 साल लगेंगे लेकिन पिघलते-पिघलते अगर यह अस्थिर हो गई या फिर इसकी रफ़्तार तेज़ हो गई तो दुनिया के सामने एक बड़ी तबाही लेकर आ सकती है.