नई दिल्ली। पूरा देश कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप झेल रहा है। हर दिन हजारों लोग अपनी जान गवां रहे हैं। कोई कोरोना के संक्रमण से मर रहा है तो कोई इलाज के अभाव में। एक ओर देश में कोरोना का कहर बरप रहा है तो दूसरी ओर देश कोरोना वैक्सीन की किल्लत झेल रहा है। जानकारों का कहना है कि वैक्सीन से ही इस महामारी पर नियंत्रण किया जा सकता है, लेकिन हाल-फिलहाल देश के सभी लोगों को अभी वैक्सीन मिलने में काफी समय लगेगा।
वहीं वैक्सीन की किल्लत पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक सुझाव देते हुए कहा है कि इससे महज 15 से 20 दिनों में ही वैक्सीन की किल्लत को दूर किया जा सकता है।
गडकरी ने कहा है कि देश में वैक्सीन बनाने के लिए दूसरी कंपनियों को भी लाइसेंस मिलने चाहिए ताकि उत्पादन बढ़ाया जा सके। मालूम हो कि कुछ दिन पहले ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ऐसा ही सुझाव केंद्र को दिया था।
गडकरी ने केंद्रीय मंत्री मनसुख मडाविया से कहा, ‘जब डिमांड बढ़ती है, तो सप्लाई में दिक्कत आती है। वैक्सीन कंपनी 1 की बजाय 10 को लाइसेंस दे और रॉयलटी भी लें। हर राज्य में पहले से 2-3 लैबोरेटरी है। उनके पास इंफ्रास्ट्रक्चर भी है। फॉर्मूला देकर इनका उनके साथ समन्वय करके संख्या बढ़ाएं। मुझे लगता है ये 15-20 दिन में हो सकता है।’
वहीं कोरोना टीका के एक्सपोर्ट पर गडकरी ने कहा कि, ‘पहले उनको (कंपनियों) कहिए कि देश में दीजिए बाद में ज्यादा हो तो निर्यात करिए। अगर आपको उचित लगे तो इस पर जरूर विचार करिए।’
केजरीवाल ने भी केंद्र से की थी अपील
वैक्सीन की किल्लत को देखते हुए बीते दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी केंद्र से कहा था कि देश में अगर दूसरी कंपनियों को वैक्सीन बनाने का फॉर्मूला दिया जाए तो जो कंपनियां पहले से ही इस क्षेत्र में हैं, वे कोरोना टीके का उत्पादन कर सकती हैं। इससे जल्द ही बड़े स्तर पर टीकाकरण किया जा सकता है।
बीते हफ्ते ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी थी कि भारत बायोटेक (कोवैक्सीन निर्माता) अपने टीके का फॉर्मूला साझा करने को तैयार है और अगर कोई कंपनी वैक्सीन उत्पादन का प्रस्ताव देती है तो उस पर अमल किया जा सकता है।