उन्नाव। बारिश के बाद गंगा का जलस्तर बढ़ने से नदी में कई शव उतराते हुए दिखने लगे हैं बक्सर घाट पर लगभग 15 दिन पहले नदी के किनारे और धारा के बीच दफनाए गए कई शव मिले थे। इस समय उतराते शवों को देख कर लोगो का कहना है की ये पहले से दफनाए गए शवों के अवशेष है।
पिछले दिनों कोरोना और अन्य बीमारियों से मौतों की संख्या में काफी इजाफा हुआ था। फतेहपुर और रायबरेली सीमा पर स्थित बीघापुर के बक्सर शमशान घाट पर जगह कम होने के कारण लोगो ने अपने परिजनो के शवों को गंगा नदी के रेत में दफना दिए थे। नदी के किनारे दफनाए गए शव खुले और कुत्तो द्वारा नोचे जाने के कारण संक्रमण का खतरा ज्यादा हो गया था।
सोशल मीडिया में दफनाए हुए शवों के वायरल वीडियो देख कर रायबरेली प्रशासन हरकत में आया और रेत के टीलो में दफनाए गए शवों को फतेहपुर की सीमा में बता अपना पल्ला झाड़ने लगे। मामला जब शासन स्तर पर पंहुचा तो डीएम रविंद्र कुमार ने एसडीएम बीघापुर दयाशंकर पाठक और फतेहपुर के बिंदकी तहसील की एसडीएम प्रियंका से राजस्व विभाग की मदद से नक्शे का मिलान और पैमाइश करवाई।
बीघापुर एसडीएम ने रेत के टीलो को फतेहपुर जिले के बिंदकी तहसील की सीमा में बताया। तब फतेहपुर और उन्नाव के अधिकारियो ने दफनाए गए शवों के कफन हटवा कर उन पर रेत चढ़वाकर शवों को फिर से दफन कर दिया। इसके बाद प्रशासन ने श्मशान घाट पर शवों को दफ़नाने पर रोक लगा दी थी।
इधर दो दिन से हुई बारिश के कारण गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा। जलस्तर बढ़ने से जहां शव दफनाए गए थे वो टीले गंगा में डूब गए और तेजी से कटान शरू हो गया। जलस्तर बढ़ने की वजह से काफी संख्या में सड़े-गले शव और अंगो के अवशेष नदी में उतराते नजर आए। शव और अवशेष पानी के बहाव के साथ नदी के किनारे पहुंच रहे है। बीघापुर के एसडीएम ने कहा कि नदी के बीच टीले पर दफनाए गए शव फतेहपुर की सीमा में है और उन्हें नदी में शव उतराने की कोई भी जानकारी नहीं है।