विदेशी मुद्रा भंडार ने बनाया नया रिकॉर्ड, पहुंचा 592.89 अरब डॉलर के उच्चतम स्तर पर

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। कोरोना संकट काल में भी मोदी सरकार की नीतियों के कारण विदेशी मुद्रा भंडार ने एक बार फिर रिकॉर्ड बनाया है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार21 मई को खत्म हफ्ते में 2.865 अरब डॉलर बढ़कर 592.894 अरब डॉलर हो गया है।

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यह अबतक का सबसे ऊंचा स्तर है। रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार इस दौरान विदेशी मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण हिस्सा यानी विदेशी मुद्रा एसेट्स 1.649 अरब डॉलर बढ़कर 548.519 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इस सप्ताह में स्वर्ण भंडार में 1.187 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई और यह 36.841 अरब डॉलर मूल्य का हो गया।

विदेशी मुद्रा भंडार ने 5 जून, 2020 को खत्म हुए हफ्ते में पहली बार 500 अरब डॉलर के स्तर को पार किया था। इसके पहले यह आठ सितंबर 2017 को पहली बार 400 अरब डॉलर का आंकड़ा पार किया था। जबकि यूपीए शासन काल के दौरान 2014 में विदेशी मुद्रा भंडार 311 अरब डॉलर के करीब था।

आइए एक नजर डालते हैं देश की अर्थव्यवस्था एक बार फिर से किस प्रकार पटरी पर लौटने लगी है…

कोरोना काल में हुआ 81.72 अरब डॉलर का रिकॉर्ड विदेशी निवेश
विदेशी निवेशकों ने कोरोना काल में भी भारतीय अर्थव्यवस्था पर भरोसा जताया है। मोदी सरकार बनने के बाद से एफडीआई नीति में सुधार, निवेश के लिए बेहतर माहौल और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस जैसे कदम उठाने का परिणाम है कि वे कोरोना काल में भी भारत में जमकर निवेश कर रहे हैं। कोरोना महामारी के बीच प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में 10 प्रतिशत का बड़ा उछाल आया है।

वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान देश में अब तक का सबसे अधिक 81.72 अरब अमेरिकी डॉलर (करीब 6 लाख करोड़ रुपये) का एफडीआई आया है और यह पिछले वित्त वर्ष 2019-20 में आए कुल एफडीआई 74.39 अरब अमेरिकी डॉलर की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है। इसके साथ ही पिछले वर्ष वित्त वर्ष 2019-20 में 49.98 अरब अमेरिकी डॉलर की तुलना में वित्त वर्ष 2020-21 में 59.64 अरब अमेरिकी डॉलर का एफडीआई इक्विटी प्रवाह आया, जो 19 प्रतिशत ज्यादा है।

PMI सर्विस सूचकांक में जबरदस्त सुधार
भारतीय अर्थव्यवस्था कोरोना संकट से अब बाहर निकल चुकी है। देश के सर्विस सेक्टर में जबरदस्त सुधार दिखाई दे रहा है। भारत में सेवा संबंधी गतिविधियों में फरवरी महीने में एक साल की सबसे तेज वृद्धि दर्ज की गई है। एक मासिक सर्वेक्षण के मुताबिक फरवरी में सर्विस सेक्टर का PMI Index 55.3 अंक रहा, जो जनवरी में 52.8 अंक था।

फरवरी में सूचकांक लगातार पांचवें महीने 50 से ऊपर रहा। इसी बीच भारत के प्राइवेट सेक्टर के आउटपुट में फरवरी में पिछले चार महीने में सबसे ज्यादा तेज गति से वृद्धि दर्ज की गई। कम्पोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स फरवरी में 57.3 पर पहुंच गया, जो जनवरी में 55.8 पर था। इसमें मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज सेक्टर दोनों से जुड़े आंकड़े शामिल होते हैं।

जीएसटी कलेक्शन लगातार पांचवें महीने एक लाख करोड़ के पार
वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी कलेक्शन फरवरी में लगातार पांचवें महीने एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया। फरवरी में जीएसटी कलेक्शन का आंकड़ा 1.13 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। फरवरी में 1,13,143 करोड़ रुपये के सकल जीएसटी राजस्व की वसूली हुई, जिसमें सीजीएसटी 21,092 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 27,273 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 55,253 करोड़ रुपये, 9,525 करोड़ रुपए की उपकर राशि शामिल है।

यह सालाना आधार पर सात प्रतिशत की वृद्धि को दिखाता है। जीएसटी राजस्व लगातार पांचवी बार एक लाख करोड़ को पार किया और महामारी के बावजूद फरवरी के महीने में राजस्व संग्रह लगातार तीसरी बार 1.1 लाख करोड़ को पार कर गया।

नई ऊंचाई पर शेयर बाजार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है।15 फरवरी को शेयर बाजार ने एक नया रिकॉर्ड कायम किया। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का इंडेक्स सेंसेक्स खुलने के तुरंत बाद 52,000 के लेवल को पार कर गया। यह 492.58 अंकों की तेजी के साथ 52,036.88 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 127.65 अंकों की छलांग लगाकर 15,290.95 के स्तर पर कारोबार करने लगा नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के साथ ही सेंसेक्स ने जून 2014 में पहली बार 25 हजार के स्तर को छुआ था।

मोदी राज में पिछले 6 साल में 25 हजार से 50 हजार तक के सफर तय कर सेंसेक्स दो गुना हो गया है। पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के दौरान अप्रैल 2014 में सेंसेक्स करीब 22 हजार के आस-पास रहता था।

रोज रिकॉर्ड तोड़ता शेयर बाजार इस बात का सबूत है कि प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में जिस तरह देश आगे बढ़ रहा है, उससे तमाम क्षेत्रों की कंपनियों में विश्वास जगा है। नोटबंदी और जीएसटी जैसे आर्थिक सुधारों के कदम उठाने के बाद कोरोना काल में भी आर्थिक जगत में मोदी सरकार की साख मजबूत हुई है, और कंपनियां, शेयर बाजार, आम लोग सभी सरकार की नीतियों पर भरोसा कर रहे हैं। जाहिर है यह भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेशकों के भरोसे को दिखाता है।

एशियाई देशों में भारत की विकास दर सबसे बेहतर रहने की संभावना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत बनी हुई है। कोरोना महामारी और तमाम विपरीत परिस्थियों के बावजूद मोदी सरकार की नीतियों के चलते देश की इकोनॉमी वृद्धि कर रही है। मोदी राज में एशियाई देशों में भारत की विकास दर सबसे बेहतर रहने की संभावना है।

जापान की ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा ने कहा है कि साल 2021 में देश की विकास दर 12.8 प्रतिशत हो सकती है। नोमुरा की भारत और एशिया पूर्व जापान एमडी और मुख्य अर्थशास्त्री सोनल वर्मा ने कहा है कि हमने भारतीय बाजार में एक महत्वपूर्ण रैली देखी है। सोनल वर्मा ने कहा कि हमें लगता है कि भारत की वृद्धि इस वर्ष एशिया के अन्य देशों को पीछे छोड़ देगी और हम कैलेंडर वर्ष 2021 में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 12.8 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।

अगले साल चीन को पीछे छोड़ देगा भारत- आईएमएफ
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने ‘विश्व आर्थिक परिदृश्य’ पर जारी अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि भारत अगले साल चीन को पीछे छोड़ देगा। आईएमएफ ने कहा कि कोरोना के कारण चालू वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था में गिरावट का अंदेशा है, लेकिन अगले वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था लंबी छलांग लगाने में सक्षम होगी।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा है कि 2021 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 8.8 प्रतिशत की जोरदार बढ़त दर्ज हो सकती है और यह चीन को पीछे छोड़ते हुए सबसे तेजी से बढ़ने वाली उभरती अर्थव्यवस्था का दर्जा फिर से हासिल कर लेगी। चीन के 2021 में 8.2 प्रतिशत वृद्धि दर हासिल करने का अनुमान है।

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