नई दिल्ली। लोग एक मुश्त पैसा निवेश नहीं कर सकते हैं उनके लिए रिकरिंग डिपॉजिट (RD) एक शानदार स्कीम साबित हो सकती है। इस स्कीम में आप मंथली कुछ पैस निवेश करके बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं। इस स्कीम की सबसे अच्छी बात ये है कि इसमें आपको एक निश्चित रिटर्न तो मिलता ही है साथ ही आपका पैसा भी सुरक्षित रहता है। हम आपको बता रहे हैं कि इस समय कौन-सा बैंक RD पर कितना ब्याज दे रहा है।
सबसे पहले समझें RD क्या है?
रिकरिंग डिपॉजिट या RD बड़ी बचत में आपकी मदद कर सकती है। आप इसका इस्तेमाल गुल्लक की तरह कर सकते हैं। मतलब आप इसमें हर महीने सैलरी आने पर एक निश्चित रकम डालते रहें और इसके मेच्योर होने पर आपके हाथ में बड़ी रकम होगी। इसका मेच्योरिटी पीरियड आमतौर पर 6 महीने से 10 साल के बीच रहता है।
कितने रुपए से शुरू कर सकते हैं निवेश?
इस आरडी स्कीम में आप मिनिमम 100 रुपए हर महीने निवेश कर सकते हैं। इससे ज्यादा 10 के मल्टीपल में आप कोई भी रकम जमा करा सकते हैं। मैक्सिमम जमा राशि की कोई लिमिट नहीं है।
कहां खुलवा सकते हैं RD अकाउंट?
RD एक तरह की स्मॉल सेविंग स्कीम है। कोई भी व्यक्ति इसका खाता किसी भी बैंक में खुलवा सकता है। सभी प्राइवेट और सरकारी बैंकों में ये अकाउंट खोल सकते हैं।
कौन-सा बैंक दे रहा कितना ब्याज
बैंक | 1 साल की RD पर ब्याज | 3 साल की RD पर ब्याज | 5 साल की RD पर ब्याज |
इंडसइंड बैंक | 8.00 | 7.50 | 7.25 |
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया | 7.00 | 6.20 | 6.20 |
बंधन बैंक | 6.75 | 6.75 | 6.50 |
बैंक ऑफ इंडिया | 6.65 | 6.50 | 6.50 |
यस बैंक | 6.50 | 6.75 | – |
पोस्ट ऑफिस | 5.80 | 5.80 | 5.80 |
ICICI | 5.80 | 6.00 | 6.00 |
SBI | 5.50% | 5.70% | 5.70% |
पंजाब नेशनल बैंक | 5.20% | 5.30% | 5.30% |
RD से मिलने वाले ब्याज पर भी देना होगा टैक्स
रिकरिंग डिपॉजिट (RD) से होने वाली ब्याज आय अगर 40000 रुपए (सीनियर सिटीजन के मामले में 50000 रुपए) तक है तो इस पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता। इससे ज्यादा आय होने पर 10% TDS काटा जाता है। अगर आपकी RD से सालाना ब्याज आय 40 हजार रुपए से अधिक है लेकिन कुल सालाना आय (ब्याज आय मिलाकर) उस सीमा तक नहीं है, जहां उस पर टैक्स लगे तो बैंक TDS नहीं काटा जाता है। इसके लिए सीनियर सिटीजन को बैंक में फॉर्म 15H और अन्य लोगों को फॉर्म 15G जमा करना होता है।
फॉर्म 15G या फॉर्म 15H खुद से की गई घोषणा वाला फॉर्म हैं। इसमें आप यह बताते हैं कि आपकी आय टैक्स की सीमा से बाहर है। जो इस फॉर्म को भरता है उसे टैक्स की सीमा से बाहर रखा जाएगा।