राहत: PPF और सुकन्या सहित अन्य स्मॉल सेविंग स्कीम्स पर मिलता रहेगा ज्यादा ब्याज

नई दिल्ली। पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS), नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC), किसान विकास पत्र (KVP) और सुकन्या समृद्धि योजना समेत पोस्ट ऑफिस की सेविंग स्कीम की ब्याज दरों में कोई कटौती नहीं की गई है। यानी जुलाई से सितंबर के दौरान आपको वही ब्याज दर मिलेगी, जो अभी मिल रही है। लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरें नहीं बदलने से बचतकर्ताओं को बड़ी राहत मिली है।

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अभी किस स्कीम पर मिल रहा कितना ब्याज

स्कीम ब्याज दर (% में)
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम 7.40
सुकन्या समृद्धि योजना 7.60
PPF 7.10
किसान विकास पत्र 6.90
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट 6.80
टाइम डिपॉजिट 6.70
मंथली इनकम स्कीम 6.60
रेकरिंग डिपॉजिट 5.80
सेविंग अकाउंट 4.00

 

पिछली तिमाही में ब्याज दर में की थी कटौती लेकिन बाद में फैसला वापस लिया
केंद्र सरकार ने अप्रैल-जून तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कटौती का फैसला लिया था। लेकिन 24 घंटों के थी का फैसला वापस ले लिया है। तक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि यह फैसला भूलवश जारी हो गया था। भूल से जारी फैसले में नौ छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में 1.10% तक की कटौती की गई थी।

1 अप्रैल 2020 ब्याज दरों में हुई थी कटौती
सरकार ने पिछले साल 1 अप्रैल 2020 को ही छोटी बचत योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज में कटौती की थी। तब इनकी ब्याज दरों में 1.40% तक की कटौती की गई थी। इसके बाद 31 मार्च 2021 को भी कटौती का फैसला लिया गया था, जिसे आज वापस ले लिया गया।

पैसा जुटाने के लिए आसान तरीका हैं छोटी बचत योजनाएं
सरकार के लिए छोटी बचत योजनाएं पैसा जुटाने का आसान तरीका हैं। वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में सरकार ने छोटी बचत योजनाओं के जरिए 2.4 लाख करोड़ रुपए जुटाए जाने का अनुमान जताया था, लेकिन रिवाइज एस्टीमेट में सरकार ने इसे बढ़ाकर 4.8 लाख करोड़ रुपए जुटाए जाने का अनुमान जताया था। वित्त वर्ष 2020-21 में छोटी बचत योजनाओं के जरिए 3.91 लाख करोड़ रुपए की बोरोइंग रही है। वित्तीय घाटे की भरपाई के लिए सरकार छोटी बचत योजनाओं से ही उधार लेती है।

हर तिमाही में होती है ब्याल दरों की समीक्षा
स्मॉल सेविंग स्कीम की ब्याज दरों की हर तिमाही समीक्षा होती है। इन योजनाओं की ब्याज दरें तय करने का फॉर्मूला 2016 श्यामला गोपीनाथ समिति ने दिया था। समिति ने सुझाव दिया था कि इन स्कीम की ब्याज दरें समान मैच्योरिटी वाले सरकारी बांड के यील्ड से 0.25-1.00% ज्यादा होनी चाहिए

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