नई दिल्ली। बचपन में जंगल से लकड़ियां उठाकर लाने वाली मीराबाई चानू ने टोक्यो ओलिंपिक में 202 किलो वजन उठाया। उन्हें वेटलिफ्टिंग में सिल्वर मेडल मिला। जीत के बाद एक इंटरव्यू में मीराबाई ने कहा कि घर लौटने के बाद वो पिज्जा खाना चाहती हैं।
डोमिनोज ने इस पर फौरन प्रतिक्रिया देते हुए उन्हें पूरी जिंदगी फ्री पिज्जा देने का वादा किया। लौटने पर डोमिनोज ने न सिर्फ पिज्जा भिजवाया बल्कि चानू के साथ एक कॉमर्शियल डील भी की। ब्रांड्स की तवज्जो पाने वाली मीराबाई चानू अकेली ओलिंपिक मेडलिस्ट नहीं हैं।
नीरज चोपड़ा, बजरंग पूनिया, पीवी सिंधु, रवि दहिया और अन्य मेडलिस्ट को दर्जनों ब्रांड्स अप्रोच कर रहे हैं। आइए जानते हैं कि किस खिलाड़ी ने किन ब्रांड्स के साथ करार किया है? ओलिंपिक से पहले और बाद की एंडोर्समेंट फीस में कितना अंतर आया? इन एथलीट्स के साथ ब्रांड्स लंबे वक्त का करार क्यों करना चाहते हैं?
नीरज चोपड़ाः इंडस्ट्री को लंबे वक्त से था इंतजार
नीरज चोपड़ा की ब्रांड वैल्यू में 10 गुना बढ़ोतरी देखने को मिली है। नीरज को मैनेज करने वाली फर्म JSW के CEO मुस्तफा गौस का कहना है कि ये बढ़ोतरी उनकी मेल और नॉन क्रिकेटिंग अचीवमेंट की वजह से हुई है। अभी तक मार्केट में या तो क्रिकेटरों का दबदबा था या पीवी सिंधु, मैरी कॉम और सानिया मिर्जा जैसी महिला एथलीट्स का।
नीरज ने इस धारणा को तोड़ा है। एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि नीरज की सालाना ब्रांड एंडोर्समेंट फीस करीब ढाई करोड़ रुपए है। ओलिंपिक के पहले ये 20-30 लाख होती थी।
पीवी सिंधुः लगातार दो ओलिंपिक में मेडल से बनी साख
टोक्यो ओलिंपिक के पहले भी पीवी सिंधु कई ब्रांड्स की फेवरेट रही हैं। सिंधु को मैनेज करने वाली कंपनी बेसलाइन वेंचर्स के यशवंत बियाला के मुताबिक कई नए ब्रांड्स ने सिंधु को अप्रोच किया है और कम से कम 2-3 साल का करार करना चाहते हैं। सिंधु इकलौती भारतीय महिला हैं जिन्होंने 2 ओलिंपिक मेडल जीते हैं। उनकी सालाना एंडोर्समेंट फीस में 60-70% की बढ़ोतरी देखी जा रही है।
मीराबाई चानूः 1 करोड़ से ज्यादा हो गई ब्रांड एंडोर्समेंट फीस
मीराबाई चानू को मैनेज करने वाली कंपनी IOS स्पोर्ट्स एंड एंटरटेनमेंट के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर राहुल त्रेहन का कहना है कि मेडल जीतने के बाद चानू के पास कई ब्रांड्स के ऑफर हैं। इनमें स्टील, इंश्योरेंस, बैंकिंग, एडुटेक, एनर्जी ड्रिंक्स और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टर शामिल हैं।
फिलहाल चानू ने एम्वे इंडिया, मोबिल इंजन ऑइल, एडिडास ग्लोबल के साथ करार किया है। त्रेहन के मुताबिक चानू की मौजूदा एंडोर्समेंट फीस 1 करोड़ रुपए सालाना से ज्यादा है। टोक्यो ओलिंपिक से पहले ये 10 लाख के आसपास थी।
बजरंग पूनियाः ब्रांड वैल्यू में करीब 100% की बढ़ोतरी
टोक्यो ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने से पहले बजरंग पूनिया वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी कमाल कर चुके हैं। वहां तीन मेडल जीतने वाले वो भारत के इकलौते रेसलर हैं। ओलिंपिक से पहले भी उनके पास कई ब्रांड्स थे, लेकिन मेडल जीतने के बाद दर्जनों कंपनियां कतार में हैं। नीरज चोपड़ा की तरह उन्हें JSW फर्म मैनेज करती है। बजरंग पूनिया की ब्रांड वैल्यू में करीब 100% की बढ़ोतरी हुई है।
रवि दहिया युवा खिलाड़ी हैं। सिल्वर मेडल जीतने के बाद उनके पास भी कई ब्रांड्स का ऑफर है। रेसलर सुशील कुमार ने जब ओलिंपिक मेडल जीता था, तो उनके पास भी कई बड़े ब्रांड्स के ऑफर आए थे। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि उनकी ब्रांड वैल्यू करीब 60% तक बढ़ गई है।
इसके अलावा लवलीना बोरगोहेन ने बॉक्सिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीता है। उनकी ब्रांड वैल्यू में भी करीब 100% की बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली इंडियन हॉकी टीम के गोलकीपर पीआर श्रीजेस की ब्रांड वैल्यू में करीब 150% की बढ़ोतरी हुई है।
ओलिंपिक के इतर भी एथलीट्स को ब्रांड्स का साथ मिल रहा है। एशियन गेम्स 2018 में तीन मेडल जीतकर स्टार बनी स्प्रिंटर हिमा दास स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और एडिडास के साथ जुड़ी हैं। टोक्यो ओलिंपिक की 100 मीटर में क्वालिफाई करने वाली दुती चंद को ज्वेलरी रिटेल चेन सेन्को गोल्ड एंड डायमंड का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है।