नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार ने अपनी सहयोगी पार्टी कांग्रेस को ही आईना दिखाते हुए कहा है कि उसकी लीडरशिप को यह स्वीकार करना होगा कि अब उनका पहले जैसा प्रभाव नहीं रहा है। पवार ने कहा कि कांग्रेस अब वह पार्टी नहीं रही है, जिसका कभी कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक प्रभाव हुआ करता था। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस को संकेत दिया कि उसे हकीकत को स्वीकार करते हुए राजनीति करनी चाहिए।
शरद पवार ने कहा, ‘एक समय था, जब कांग्रेस का प्रभाव कश्मीर से कन्याकुमारी तक हुआ करता था। लेकिन आज ऐसा नहीं है। इस हकीकत को स्वीकार करना चाहिए।’
यही नहीं शरद पवार ने कहा कि यदि कांग्रेस इस सच्चाई को स्वीकार कर लेती है तो समान विचारधारा वाले दूसरे दलों के साथ उसकी करीबी और बढ़ेगी। इंडिया टुडे ग्रुप के मराठी डिजिटल प्लेटफॉर्म मुंबई तक से बात करते हुए शरद पवार ने कहा, ‘जब नेतृत्व की बात आती है तो कांग्रेस के मेरे सहयोगी दूसरे किसी विचार को स्वीकार करने की स्थिति में नहीं होते।’
शरद पवार ने कहा कि जब 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष की लीडर ममता बनर्जी के होने की बात शुरू हुई तो कांग्रेस ने कहा कि उनके पास राहुल गांधी हैं। पवार ने कहा कि सभी पार्टियां और खासतौर पर कांग्रेस के मेरे मित्र लीडरशिप को लेकर किसी दूसरे मत को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं।
कांग्रेस ऐसी जमींदार, जिसकी खेती गई और हवेली बचाना भी मुश्किल
यह पूछे जाने पर कि क्या यह कांग्रेस का अहंकार है। शरद पवार ने कहा कि कांग्रेस इन दिनों एक ऐसे जमींदार की तरह है, जिसने अपनी सारी जमीन गंवा दी है और अब अपनी हवेली की भी सुरक्षा नहीं कर पा रही। शरद पवार ने कहा कि मैं यूपी के जमींदारों को लेकर एक कहानी बताता हूं, जिनके पास बड़े पैमाने पर जमीनें थीं और और बड़ी सी हवेली थी। लेकिन सीलिंग एक्ट के चलते उनकी जमीनें चली गईं और हवेली ही बची, जिसे बनाए रख पाना उनके लिए चुनौती हो गया था। उनकी यह क्षमता भी नहीं बची थी कि हवेली को बनाए रख पाएं और उसकी मरम्मत करा सकें।
पवार ने कसा तंज, जमींदार सोचता है, आज भी मेरी है सारी भूमि
यही नहीं शरद पवार ने तीखा तंज कसते हुए कहा, ‘उन जमींदारों की कमाई पहले के मुकाबले काफी कम रह गई। जो जमीन हजारों एकड़ थी, वह अब घटकर 15 से 20 एकड़ ही रह गई। लेकिन जमींदार जब सुबह उठते तो आसपास के हरे-भरे खेतों को देखकर सोचते कि यह सारी जमीन उनकी ही है। लेकिन वह कभी थी और आज उनकी नहीं है।’