नई दिल्ली। बात जब ऑनलाइन शॉपिंग की होती है तो ज्यादातर लोगों के दिमाग में अमेजन और फ्लिपकार्ट का ही ख्याल आता है। इन्हें देश के सबसे भरोसेमंद ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म भी माना जाता है। हालांकि, इनके अलावा भी कई ऐसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म हैं जो अपने प्रोडक्ट्स क्वालिटी और डिस्काउंट की वजह से सुर्खियों में रहते हैं।
इस फेस्टिवल सीजन में आप भी ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले हैं तब आपको इन प्लेटफॉर्म के बारे में पता होना चाहिए। हम यहां अलग-अलग प्रोडक्ट्स और सेगमेंट के हिसाब से आपको इन प्लेटफॉर्म के बारे में बता रहे हैं…
अमेजन और फ्लिपकार्ट : इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल, एक्सेसरीज, होम अप्लायंस, किचन अप्लायंस सबसे बेहतर
यदि आप स्मार्टफोन, लैपटॉप, इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम, होम अप्लायंस, किचन अप्लायंस या फिर कोई एक्सेसरीज खरीदने का मन बना रहे हैं। तब अमेजन और फ्लिपकार्ट दोनों ही बेस्ट प्लेटफॉर्म हैं।
यहां पर आपको न सिर्फ बेहद कम कीमत पर कोई प्रोडक्ट मिल जाएगा। बल्कि, प्रोडक्ट के ओरिजिनल होने की गारंटी भी होगी। ये दोनों प्लेटफॉर्म अलग-अलग कंपनियों के कई एक्सक्लूसिव प्रोडक्ट्स भी बेचते हैं। इन दिनों तो दोनों प्लेटफॉर्म पर जबर्दस्त डिस्काउंट भी मिल रहा है।
मिंत्रा और बेवकूफ : टॉपवेयर, फुटवेयर, किड्स आइटम, टॉय, लिविंग और ब्यूटी प्रोडक्ट्स सबसे बेहतर
गैजेट्स और इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए जितनी बेहतर अमेजन और फ्लिपकार्ट हैं। कपड़े-जूते जैसे प्रोडक्ट्स के लिए उसी तरह मिंत्रा। कपड़ों और जूतों की ऑनलाइन शॉपिंग के लिए मिंत्रा ने अपनी अलग पहचान बनाई है। मिंत्रा से आने वाले प्रोडक्ट ओरिजिनल होते हैं।
यही वजह है कि कंपनी ने इस सेगमेंट में अपनी पकड़ मजबूत की है। अब इस सेगमेंट में बेवकूफ भी शामिल हो चुकी है। ये भी मिंत्रा की तरह मैन्स और विमेंस दोनों कैटेगरी में टॉपवेयर, फुटवेयर, एक्सेसरीज जैसे आइटम पर बेस्ट डील दे रही है।
शॉपक्लूज : डेली यूज प्रोडक्ट, कॉम्बो पैक, रिफर्बिश्ड फोन, 100 रुपए से कम में प्रोडक्ट्स जैसी डील
सस्ते या कॉम्बो प्रोडक्ट्स खरीदना है तब शॉपक्लूज बेहतर ऑप्शन है। हालांकि, यहां पर आपको ज्यादा ब्रांडेड प्रोडक्ट्स नहीं मिलते हैं। इस ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर अलग-अलग दिन के हिसाब से डील चलती हैं।
जिसमें 100 रुपए से कम वाली डील्स सबसे ज्यादा पॉपुलर हैं। यहां से कई मेड इन इंडिया प्रोडक्ट्स को बेहद कम दाम पर खरीद सकते हैं। यदि आप दीवाली के डेकोरेशन आइटम को खरीदना चाहते हैं तब आपको यहां सस्ते ऑप्शन मिलेंगे। साथ ही डेकोरेशन वॉलपेपर भी 100 रुपए से कम में उपलब्ध हैं।

ऑनलाइन शॉपिंग करने से पहले ऑफलाइन ऑफर और कीमत भी चेक करें
नवरात्रि और दिवाली को लेकर ऑनलाइन और ऑफलाइन बाजार में कई ऑफर्स दिए जाते हैं। इन ऑफर्स में फोन, इलेक्ट्रॉनिक्स, होम अप्लायंस, गैजेट्स, एक्सेसरीज, फैशन वियर समेत कई प्रोडक्ट्स शामिल होते हैं। हालांकि, ये जरूरी नहीं है कि ऑनलाइन शॉपिंग पर मिलने वाले ऑफर हमेशा फायदेमंद हों। ऑफलाइन शॉपिंग को एक्सपर्ट भी ज्यादा बेहतर बताते हैं।

- दिल्ली यार्न मर्चेंट एसोसिएशन (DYMA) से जुड़े रतन कुमार जैन का कहना है कि बाजार से खरीदारी के लिए ग्राहकों को कई दुकानों पर घूमना पड़ता है। इसमें समय और पेट्रोल दोनों खर्च होते हैं, जबकि ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान ये काम कुछ मिनट में हो जाता है। बाजार से शॉपिंग करने का बड़ा फायदा ये होता है ग्राहक जो प्रोडक्ट खरीद रहा है वो उसके सामने है। जैसे, किसी कपड़े को खरीदने के दौरान वो उसकी क्वालिटी और साइज दोनों देख पाता है। कपड़े को ट्राई भी करके देख सकते हैं। ऑनलाइन में ऐसा नहीं होता। कई ऑनलाइन प्रोडक्ट ऐसे होते हैं जो ऑफलाइन ढूंढने पर नहीं मिलते। इस वजह से ज्यादातर ग्राहक ऑनलाइन शॉपिंग की तरफ चले जाते हैं।
- मध्य प्रदेश इलेक्ट्रिक मर्चेंट एंड कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन से जुड़े ओमप्रकाश गुप्ता का कहना है कि ऑफलाइन बाजार से कोई प्रोडक्ट खरीदने पर उस प्रोडक्ट के प्रति दुकानदार की जवाबदेही होती है। जैसे, उसमें कोई खराबी या दूसरी कमी आती है तब उसे हाथों हाथ दूर किया जाए। ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले ग्राहकों को इस तरह की सर्विस नहीं मिलती। जहां तक ऑनलाइन कीमत की बात है तब वो चुनिंदा प्रोडक्ट पर कम हो सकती है, अन्य प्रोडक्ट की कीमत हमेशा ज्यादा ही होती है। हालांकि, कई बार ग्राहक कीमत को बाजार में पता करने की कोशिश ही नहीं करते।
- इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स बेचने वाले मंगलम इलेक्ट्रॉनिक्स के ऑनर अंशुल बंसल का कहना है कि ऑनलाइन शॉपिंग से खरीदा हुआ प्रोडक्ट ओरिजिनल है, इस बात की सिक्योरिटी हमेशा नहीं होती। वो फर्स्ट कॉपी या फिर ग्रे मार्केट प्रोडक्ट भी हो सकता है। ऐसे ग्राहक जो ऑनलाइन प्रोडक्ट खरीदते हैं वो इस बात को चेक नहीं कर पाते कि जो प्रोडक्ट खरीद रहे हैं वो कितना सही है। जब ऐसे प्रोडक्ट को वारंटी की जरूरत होती है तब ग्राहक को उसके ओरिजिनल होने का पता चलता है और परेशान होना पड़ता है। कई बार ग्राहक को पुराना या सेकेंड हैंड प्रोडक्ट बेच दिया जाता है।