‘हम लोग ग्राउंड फ्लोर वाले रूम में सो रहे थे। सुबह करीब 6 बजे मेरी नींद खुली। मैंने मोबाइल में चेक किया कि भारत-पाकिस्तान में चल रही लड़ाई का क्या अपडेट है। 2-3 मिनट बाद ही एकदम से तेज ब्लास्ट हुआ। हर तरफ धुआं फैल गया। समझ ही नहीं आया कि ये क्या हुआ है। फिर हम बाहर की ओर भागे। मेन डोर के सामने मलबा पड़ा था, वहां निकलने की जगह नहीं थी। हम पीछे के दरवाजे से बाहर निकले।’
जम्मू में रहने वाली तान्या परिहार के चेहरे पर डर साफ दिखता है। 10 मई की सुबह पाकिस्तान ने जम्मू शहर पर भारी शेलिंग की, तब एक मिसाइल या रॉकेट तान्या के घर पर भी गिरा। दो मंजिला घर के ऊपरी फ्लोर का अगला हिस्सा पूरा उड़ गया। अच्छी बात ये रही कि इस हमले में किसी की जान नहीं गई।
पाकिस्तान ने 10 मई, शनिवार की सुबह जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा और गुजरात में 26 जगह हमला किया। इनमें जम्मू के तीन रिहायशी इलाके रिहाड़ी कॉलोनी, शंभू रूपनगर और शिवालिक पुरा पर भी बमबारी हुई है।
दोनों देश शाम 5 बजे से सीजफायर पर राजी हो गए। इसके बाद बमबारी रुक गई। करीब 3 घंटे बाद पाकिस्तान की तरफ से जम्मू-कश्मीर के अखनूर, नौशेरा, आरएस पुरा और श्रीनगर में हैवी फायरिंग की गई। जम्मू में भी ड्रोन देखे गए। लोगों का कहना है कि भले सीजफायर हो जाए, हमारा नुकसान तो हो चुका। इसकी भरपाई कैसे होगी। हमने जम्मू में ऐसी बमबारी पहले कभी नहीं देखी थी।
8 मई से मिसाइल और ड्रोन फायर कर रहा था पाकिस्तान जम्मू शहर में 8 मई की रात से सायरन गूंजने लगे थे। पाकिस्तान की तरफ से मिसाइल और ड्रोन्स फायर किए गए। उस रात कोई मिसाइल जमीन तक नहीं पहुंची। भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने सभी मिसाइल और ड्रोन हवा में ही खत्म कर दिए।
जम्मू पर हमला शुरू हुआ, तब टीम करीब 230 किमी दूर पुंछ में लाइन ऑफ कंट्रोल के करीब थी। सबसे ज्यादा शेलिंग पुंछ एरिया में हुई थी, इसलिए सबसे ज्यादा 16 मौतें भी यहीं हुई हैं। पुंछ में पाकिस्तानी सेना आर्टिलरी शेलिंग कर रही थी। पहाड़ों के ऊपर रात के अंधेरे में आसमान में लाल लकीर खींचते मोर्टार नजर आ रहे थे।

पुंछ से जम्मू के रास्ते में जगह-जगह धमाके की आवाज आती रही। पाकिस्तान की तरफ से हो रही शेलिंग की वजह से पहाड़ों के बीच धुआं उठता दिखा।
हालांकि जम्मू में हालात ज्यादा खराब थे। यहां आर्टिलरी के बजाय मिसाइल और ड्रोन से हमला हो रहा था। हम रात में पुंछ से जम्मू के लिए निकल पड़े। रास्ते में हमें हिदायत दी गई कि रात में सफर करना सेफ नहीं होगा। कैब की लाइट बंद रखने के लिए भी कहा गया। हमने पूरी रात पुंछ से जम्मू के रास्ते में धमाकों के बीच गुजारी। इससे अंदाजा हो गया कि लॉइन ऑफ कंट्रोल पर रह रहे लोग किन हालात में रह रहे हैं।
जम्मू में ब्लैक आउट, शाम होते ही मार्केट बंद 9 मई की सुबह हम जम्मू की तरफ बढ़े। 200 किमी से ज्यादा का सफर था। हमें ऐसे इलाकों से गुजरना था, जो लाइन ऑफ कंट्रोल से सटे थे। राजौरी पार करते ही जोरदार धमाके की आवाज आई। हमारे सामने वाले पहाड़ पर धुआं उठता दिखा। हमने कैब रुकवाई और एक घर की आड़ लेकर रुक गए।
इसी तरह सफर करते हुए शाम को जम्मू पहुंचे। यहां पूरे शहर में ब्लैकआउट कर दिया गया। 5 बजे ही दुकानें बंद करा दी गईं। अंदाजा था कि एक दिन पहले जिस तरह जम्मू पर हमला हुआ, वैसा ही दोबारा होगा। करीब 7:30 बजे सायरन गूंजने लगे। कुछ देर बाद ही धमाकों की आवाज आने लगी।
मोबाइल की फ्लैश लाइट ऑन करना भी खतरे से भरा था, इसलिए अंधेरे में ही रास्ता खोजते हुए छत पर पहुंचे। आसमान में तारों की तरह दिखने वालीं कई सारी सफेद लाइट थी। ये ड्रोन थे, जो पाकिस्तान की तरफ से आए थे। ड्रोन दिखने के कुछ देर बाद ही धमाकों की आवाज आई और सभी ड्रोन एक-एक करके गायब हो गए।
भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने इन्हें न्यूट्रिलाइज कर दिया। हम जम्मू में अलग-अलग इलाकों को लगातार ट्रैक कर रहे थे कि मिसाइल या ड्रोन अटैक का असर कहीं जमीन पर हुआ है क्या। 11 बजे के बाद धमाकों की आवाजें कम हुईं। हालांकि रात करीब 1 बजे तक शेलिंग होती रही।
सुबह 5:59 बजे फिर तेज धमाका धमाकों के बीच रात में करीब 3 बजे नींद लगी। सुबह नींद जोरदार धमाके से ही टूटी। धमाका इतना तेज था कि होटल की दीवारें हिल गईं। मैंने इजराइल, सीरिया और लेबनान वॉर कवर की हैं, लेकिन इतना तेज धमाका नहीं सुना।
बीते 3 दिन से भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध के हालात को कवर करते हुए भी इतने तेज धमाके नहीं सुने थे। होटल की खिड़की से बाहर देखा तो नीचे सन्नाटा पसरा था। धमाकों की आवाज आती रही। मैंने ड्राइवर को कॉल किया और फिर हम सीधे धमाके वाली जगह पहुंचे।
जगह: रिहाड़ी कॉलोनी
रिहायशी एरिया में हमला, तीन घरों को नुकसान ये पहला वाकया था जब जम्मू शहर में मिसाइल या ड्रोन अटैक का हमला देखा गया। हम रिहाड़ी कॉलोनी पहुंचे। यहां दो मंजिला टूटा घर दूर से दिखने लगता है। घर की ऊपरी हिस्से में तिरंगा लहरा रहा है। इस बिल्डिंग पर मिसाइल या ड्रोन के जरिए अटैक हुआ था। दूसरी मंजिल का अगला हिस्सा पूरी तरह तबाह हो गया। इसका मलबा आसपास के दो घरों पर गिरा।
घर के नीचे सड़क पर खड़ी गाड़ियों को भी नुकसान हुआ। यहां आसपास कोई डिफेंस एरिया भी नहीं है। यानी सिविलियन एरिया को ही टारगेट किया गया था।

पाकिस्तान की बमबारी में रिहाड़ी कॉलोनी के इस घर को नुकसान पहुंचा है। आसपास के घरों की खिड़कियों के कांच टूट गए।
यहां रहने वाले बुजुर्ग राजीव गुप्ता बताते हैं, ‘बम की आवाज आई मैं बाथरूम में था। मुझे लगा मेरे घर पर बम फटा है। मेरा भाई नीरज और भतीजी इताक्षी उस वक्त सो रहे थे। खिड़की से कांच टूटकर भाई के पेट पर लगा। इताक्षी को भी चोट आई है।’
बिल्डिंग का मलबा पास की एक दुकान पर गिरा। दुकान के मालिक राहुल कहते हैं-
हमारा भी नुकसान हुआ है। वे हमारे सिविलियन को मार रहे हैं, तो हमें भी कुछ करना चाहिए। ऐसा नहीं किया तो हालात खराब होते जाएंगे।
हमें इस लोकेशन से शेल्स भी मिले। पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता कि इमारत पर अटैक ड्रोन से हुआ या मिसाइल से। FSL की टीम मौके पर पहुंची। शुरुआती जांच के मुताबिक ये मिसाइल अटैक हो सकता है।
जगह: शंभू रूपनगर मंदिर पर बम गिरा, एक घर तबाह जम्मू के शंभू मंदिर के सामने सुबह धमाका हुआ। मंदिर के गेट के पास का एक पिलर और पेड़ टूट गया। पास के घर का हिस्सा भी टूटा है। पुलिस ने आसपास कंटीले तार बिछा दिए। इसी बीच फिर से सायरन बजने लगे। पुलिसवाले लोगों से घर जाने के लिए कहने लगे। कुछ देर बाद ही रॉकेट की आवाज सुनाई दी। फिर हवा में ही ब्लास्ट हुआ और रॉकेट नष्ट हो गया। लोग फिर शंभू मंदिर के बाहर जमा हो गए।
यहां मिले सुनील बताते हैं, ‘यहां लोगों में घबराहट है, लेकिन हम डरे नहीं हैं। हम 1990 से यही सब झेल रहे हैं। मुंबई हमला झेला, कारगिल झेला। अब और नहीं झेल सकते।’

जम्मू के रूपनगर एरिया में बने शंभू मंदिर के मेन गेट के पास रॉकेट गिरा। सायरन बजने की वजह से यहां हमले के वक्त कम लोग थे।
जगह: शिवालिक पुरा, जानीपुर कॉलोनी जम्मू मेन टाउन की जानीपुरा कॉलोनी में भी एक घर पूरी तरह बर्बाद हो गया। घर में ऊपर से रॉकेट या बम गिरा और छत में छेद हो गया। ये घर पेशे से वकील तान्या परिहार का है।
तान्या कहती हैं, ‘मां ने जिंदगीभर की कमाई लगाकर ये घर बनवाया था। सुबह नींद खुलने के साथ ही घर मलबे में बदल गया। जंग तो दो देशों के बीच होती है, लेकिन भुगतते आम लोग हैं। हम इस नुकसान की भरपाई कैसे करेंगे, ये हम ही जानते हैं।’

पाकिस्तान की बमबारी में सबसे ज्यादा नुकसान इसी घर को हुआ है। हालांकि यहां रहने वाला परिवार सुरक्षित है।
ऑपरेशन सिंदूर के तीन दिन बाद सीजफायर भारत ने 7 मई की रात पाकिस्तान और PoK में एयर स्ट्राइक की थी। एयरफोर्स ने आतंकियों के 9 ठिकानों पर हमले किए। इसे ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया। इसके बाद तीन दिन तक पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, गुजरात पर ड्रोन और मिसाइल से हमले किए। भारत ने भी इसका जवाब दिया।
10 मई की शाम भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर हो गया। इसके लिए अमेरिका ने मध्यस्थता की थी। शनिवार शाम 5:30 बजे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीट कर बताया, ‘अमेरिका की मध्यस्थता में चली लंबी बातचीत के बाद भारत और पाकिस्तान तुरंत और पूरी तरह हमले रोकने के लिए तैयार हो गए हैं। मैं दोनों देशों को समझदारी भरा फैसला लेने के लिए बधाई देता हूं।’

ट्रम्प के बयान के 30 मिनट बाद फॉरेन सेक्रेटरी विक्रम मिसरी शाम 6 बजे प्रेस ब्रीफ के लिए आए। 42 सेकेंड में बात खत्म की और चले गए। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान के DGMO ने शनिवार दोपहर 3:35 बजे भारतीय DGMO को फोन किया। सहमति बनी कि दोनों पक्ष शनिवार दोपहर 5 बजे से जमीन, हवा और समुद्र में सभी तरह की सैन्य कार्रवाई बंद कर देंगे। वे 12 मई को दोपहर 12 बजे फिर से बात करेंगे।’