नई दिल्ली। कश्मीर पर मध्यस्थता करने को बेताब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भारत का दो टूक जवाब है कि ऐसा नहीं होने वाला। कश्मीर पर पुराना गेम नहीं चलने वाला। भारत के लिए पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) को पाकिस्तान से वापस लेने का मुद्दा ही मतलब रखता है। अगर बात होगी तो इसी पर होगी और इसके लिए भारत को किसी तीसरे देश से मदद लेने की जरूरत भीं नहीं।
यह बात भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने कही है। इसकी अहमियत इसलिए है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कश्मीर को लेकर भारत व पाक के बीच मध्यस्थता करने को लेकर बहुत ही बेताब हैं। शनिवार को भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम को लेकर बनी सहमति का ना सिर्फ पूरा श्रेय ट्रंप लेने की कोशिश कर रहे हैं बल्कि अपने आपको दक्षिण एशिया में शांति स्थापित करने वाले दूत के तौर पर भी स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं।
‘पीओके को वापस लेना बाकी’
सरकार का मानना है कि , ‘कश्मीर पर भारत की नीति बहुत ही स्पष्ट है। कश्मीर को लेकर सिर्फ एक ही मुद्दा लंबित है और वह है पीओके को वापस लेना। अगर पाक को अनधिकृत तरीके से कब्जे में रखे गये कश्मीर को लौटाना है तो वह सीधे हमें कर सकते हैं। इसके लिए किसी और से बात करने की जरूरत नहीं है।’
भारतीय सूत्र इस बात को स्वीकार करते हैं कि अमेरिकी प्रशासन के प्रतिनिधि ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत के बाद से लगातार भारत के संपर्क में थे लेकिन कश्मीर को लेकर इनसे कोई बात नहीं हुई। भारत इसकी जरूरत नहीं समझता। ऑपरेशन सिंदूर के बाद उपजे तनाव को खत्म करने को लेकर अमेरिका को बार बार भारत ने उच्च स्तर पर यह साफ कर दिया था कि अगर पाकिस्तान फायरिंग रोकेगा तो भारत भी रोकेगा, अगर वह जारी रखेगा तो भारत भी रखेगा।
ट्रंप ने जताई थी मध्यस्थता की इच्छा
- यह पूछे जाने पर कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने क्यों कश्मीर की बात की है तो उक्त सूत्रों का जवाब था कि ‘सभी के पास सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है, कोई भी कुछ लिख सकता है।’ रविवार को सुबह सुबह सोशल मीडिया साइट ट्रुथ सोशल पर ट्रंप ने लिखा कि, ‘मुझे भारत व पाकिस्तान के अटल मजबूत नेतृत्व पर गर्व है जिनके पास इस बात को समझने व जानने की पर्याप्त बुद्धिमता, ताकत व दूरदर्शिता है कि मौजूदा आक्रामक को समाप्त करने का यह सही समय है, नहीं तो इससे काफी ज्यादा विध्वंस और मौतें होती।
- ट्रंप ने लिखा, ‘लाखों ईमानदार और अच्छे लोगों की मौत हो जाती। आप लोगों ने अपने वीरतापूर्ण काम से अपनी परंपरा को मजबूत किया है। मुझे इस बात का गर्व है कि अमेरिका ने आप दोनों को इस एतिहासिक व वीरतापूर्ण नर्णय पर पहुंचने के लिए मदद की। हालांकि अभी इस बारे में मेरी कोई बात नहीं हुई है लेकिन मैं इन दोनों महान देशों के साथ कारोबार में काफी वृद्धि करने जा रहा हूं।’
- उन्होंने आगे लिखा कि इसके अलावा मैं आप दोनों के साथ काम करूंगा कि अगर हजारों साल बाद कश्मीर को लेकर किसी समाधान पर पहुंचा जा सकता हो। भारत व पाकिस्तान के नेतृत्व को एक बेहद अच्छा काम करने के लिए भगवान इनका भला करे।