सपा सुप्रीमो अखिलेश के दांव को गाजीपुर जिलाध्यक्ष ने किया फेल!

गाजीपुर। गाजीपुर समाजवादी पार्टी जिलाध्यक्ष पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के लिखित आदेश की अनदेखी करने का मामला प्रकाश में आने से जनपद में राजनैतिक चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। गौरतलब हो कि 29 मई को अखिलेश यादव द्वारा गाजीपुर जिले के जिलाध्‍यक्ष रामधारी यादव को एक पत्र लिखा। जिसमें बताया गया था कि गत दिनों सड़क दुर्घटना में राजू यादव व सूर्यदेव सिंह यादव की मृत्यु हो गई थी। समाजवादी पार्टी ने दोनों मृतकों के पत्नियों सुनीता देवी व लालमुनी यादव निवासी गौसपुर मुहम्मदाबाद के खाते में एक-एक लाख रुपया जामा कराया गया है।
गुरुवार को सपा जिलाध्यक्ष रामधारी यादव को सपा सुप्रीमो द्वारा लिखित पत्र भेजकर निर्देश दिया गया कि आप राजेश राय पप्‍पू और पूर्व विधायक सिबगतुल्‍लाह अंसारी को साथ लेकर मृतकों के घर जाकर उनके परिजनों को सांत्‍वना देकर धनराशि की जानकारी देंगे। रामधारी यादव ने अपने हाईकमान के आदेश के क्रम में गौसपुर जाकर दोनों मृतकों के घर पहुंचे वहां पर शोक संवेदना व्‍यक्‍त करने के बाद एक-एक लाख रुपये की जमा पर्ची देकर धनराशि की जानकारी दी।
 जिलाध्‍यक्ष रामधारी यादव के साथ राजेश राय पप्‍पू, कन्‍हैया विश्‍वकर्मा, अशोक बिंद, दिनेश यादव आदि नेता थे। लेकिन पूर्व विधायक सिबगतुल्‍लाह अंसारी नहीं थे। इस कार्यक्रम में शिवगतुउल्लाह अंसारी को अनुपस्थित देख जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मुझे सपा जिलाध्यक्ष रामधारी यादव द्वारा पहले से कोई जानकारी नहीं दी गई और उन परिवारों के पास पहुंचकर कार्यक्रम संपन्न होने के बाद मुझे जानकारी दी गई है।
 पार्टी जिलाध्यक्ष द्वारा अखिलेश यादव के आदेश की अवहेलना के संबंध में उन्होंने कहाकि यह उनके पार्टी का व्यक्तिगत मामला है। हालांकि अखिलेश यादव द्वारा इन परिवारों की मदद करना नेक कार्य है जिसके लिए मैंने उन्हें व जिलाध्यक्ष को बधाई दे दी है।
वहीं सपा जिलाध्यक्ष रामधारी यादव ने बताया कि गुरुवार की शाम को ही शिवगतुउल्लाह अंसारी के एक समर्थक झन्ने खान को इस कार्यक्रम की जानकारी दे दी गई थी। हालांकि शिवगतुउल्लाह से बात नहीं हो पाई थी। लेकिन पीड़ित परिवार के घर पहुंचने के बाद उनका नंबर ढूंढ कर उन्हें भी फोन कर दिया गया था।
झन्‍ने खां ने बताया कि सपा के जिलाध्‍यक्ष रामधारी यादव शनिवार को गौसपुर में आकर हमसे पूर्व विधायक सिबगतुल्‍लाह अंसारी को मोबाइल नम्‍बर लिये थे। कार्यक्रम से पहले उन्‍होंने पूर्व विधायक सिबगतुल्‍लाह अंसारी को बुलाने के लिए नही कहा था। सपा के हाईकमान के आज्ञा का उल्‍लंघन जिलाध्‍यक्ष द्वारा करने की घटना की चर्चा पूरे जनपद में हो रही है।
-सपा सुप्रीमो द्वारा शिवगतुल्लाह अंसारी को शामिल करने का लिखित आदेश कहीं राजनैतिक दांव तो नहीं 
गाजीपुर समाजवादी पार्टी जिला अध्यक्ष द्वारा मोहम्मदाबाद से पूर्व विधायक व बसपा सांसद अफजाल अंसारी के बड़े भाई शिवगतुल्लाह अंसारी को कार्यक्रम में शामिल ना करा पाना भले ही कोई भूल या लापरवाही हो। लेकिन सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव द्वारा जिलाध्यक्ष को लिखित रूप से अंसारी को इस कार्यक्रम में शामिल करने को लोग राजनीतिक चश्मे से देख रहे हैं। वहीं लोगों ने इसे राजनीतिक दांव से भी इनकार नहीं किया।
 गौरतलब हो कि शिवगतुल्लाह अंसारी वर्तमान समय में बहुजन समाज पार्टी में शामिल हैं जो चुनाव के कुछ दिन पूर्व ही अपने भाई अफजाल अंसारी व बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के साथ बहुजन समाज पार्टी में शामिल हुए थे। गत लोकसभा चुनाव में सपा बसपा गठबंधन के तहत गाजीपुर लोकसभा सीट बसपा के कोटे में दे दी गई थी। हालांकि समाजवादियों का गढ़ रहा गाजीपुर बसपा के खाते में जाने से सपाई काफी बेचैन हो गए थे, लेकिन गठबंधन धर्म का पालन करते हुए लोगों में एकजुटता से वोट दिया फलतः अफजाल अंसारी सांसद चुने गए। लेकिन चुनाव बाद बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा गठबंधन को तोड़ दिए जाने के निर्णय से गाजीपुर के सपाई तिलमिला से गए।
खास बात यह कि बहन जी के इस निर्णय को अंसारी समर्थक भी अब तक पचा नही सके हैं। अंदरखाने से चर्चा चलती रहती है कि अब उन लोगों का झुकाव समाजवादी पार्टी की तरफ बना हुआ है। वहीं सपा सुप्रीमो द्वारा भी अपने मजबूत गढ़ गाजीपुर को बसपा के हाथ में दे दिए जाने का मलाल लगातार बना रहता है। ऐसे में अपने जिलाध्यक्ष को पत्र लिखकर शिवगतुल्लाह अंसारी को इस कार्यक्रम में शामिल कराने के आदेश को जनपद के राजनीतिक लोग एक राजनैतिक दांव के रूप में देख रहे हैं।
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