दो आतंकियों के साथ गिरफ्तार जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीएसपी देविंदर सिंह को मिली जमानत

– जांच एजेंसी ने 90 दिनों के अंदर नहीं दाखिल की चार्जशीट, इसलिए कोर्ट ने दी जमानत 
नई दिल्ली। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने हिज्बुल मुजाहिद्दीन के दो आतंकियों के साथ गिरफ्तार जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीएसपी देविंदर सिंह और इरफान शफी मीर को जमानत दे दी है। एडिशनल सेशंस जज धर्मेंद्र राणा ने दोनों को एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी है।
दोनों की ओर से वकील एमएस खान ने जमानत याचिका में कहा था कि जांच एजेंसी ने कानून के मुताबिक 90 दिनों के अंदर चार्जशीट दाखिल नहीं की। इसलिए उन्हें डिफॉल्ट जमानत दी जाए। इस मामले में देविंदर सिंह और शफी मीर के अलावा जिन दूसरे आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है उनमें जावेद इकबाल और सैयद नावेद मुश्ताक शामिल हैं। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 90 दिनों के बाद चार्जशीट दाखिल नहीं कर सकी है, इसलिए दोनों को जमानत दी जाती है।
पिछले 10 जून को देविंदर सिंह, इरफान शफी मीर और सैयद नावेद मुश्ताक ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में दायर जमानत याचिका वापस ले ली थी। कोर्ट ने तीनों आरोपियों के वकील एमएस खान से कहा था कि याचिका में दायर दस्तावेज अपूर्ण हैं। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को याचिका वापस लेने की अनुमति दी और कहा कि वे चाहें तो पूर्ण दस्तावेज के साथ फिर जमानत याचिका दायर कर सकते हैं।
 जमानत याचिका में कहा गया था कि गिरफ्तारी के बाद से आरोपी जेल में बंद थे। अब जांच पूरी हो चुकी है और जांच में उनकी कोई जरुरत नहीं है। उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं जो ये साबित कर सकें कि उनके कार्यों से देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को कोई खतरा है।पिछले 18 मई को पटियाला हाउस कोर्ट ने चारो आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
देविंदर सिंह को हिज्बुल मुजाहिद्दीन के दो आतंकियों के साथ इस साल के जनवरी माह में गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से कहा था कि मुश्ताक और उसके सहयोगी दिल्ली और देश के दूसरे हिस्सों में आतंकी हमले करने की योजना को अंजाम देने की फिराक में थे। स्पेशल सेल के मुताबिक मुश्ताक इंटरनेट के जरिये सह आरोपियों और आतंकियों से बातें करता था। वो बातचीत के लिए डार्क वेब का इस्तेमाल करता था।
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