कानपुर शेल्टर होम केस : योगी सरकार पर हमलावर हुईं प्रियंका, भाजपा ने भी किया पलटवार

लखनऊ। यूपी के कानपुर शहर में स्वरुप नगर स्थित राजकीय बालिका सुधार गृह में बीते दिन सात नाबालिग लड़कियां प्रेग्नेंट पाई गयी थी। इसके बाद से इस मामलें ने तूल पकड़ लिया है और अब इसपर सियासत भी शुरू हो गई है। इस मामलें में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सरकार पर निशाना साधा है ।

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कांग्रेस महासचिव प्रियंका ने सोशल मीडिया पोस्ट पर इस मामलें को बिहार के मुजफ्फरपुर और देवरिया शेल्टर होम से जोड़ा दिया है। वहीं इस मामलें से बिफरी बीजेपी ने पलटवार करते हुए कांग्रेस को झूठा करार दिया है।

दरअसल प्रियंका गांधी ने फेसबुक पोस्ट पर लिखा कि कानपुर के सरकारी बाल संरक्षण गृह में 57 बच्चियों की कोरोना वायरस की जांच होने के बाद जो रिपोर्ट सामने आई वो हैरान कर देने वाली है। इसमें दो लड़कियां गर्भवती निकलीं और एक एड्स पॉजिटिव।उन्होंने लिखा, ‘मुजफ्फरपुर (बिहार) के बालिका गृह का पूरा किस्सा देश के सामने है।

इसके अलावा प्रियंका ने लिखा कि उत्तर प्रदेश के देवरिया से भी ऐसा मामला सामने आ चुका है।’ ऐसे में फिर से इस तरह की घटना सामने आना दिखाता है कि जांच के नाम पर सब कुछ दबा दिया जाता है, लेकिन सरकारी बाल संरक्षण गृहों में बहुत ही अमानवीय घटनाएं घट रही हैं।

बीजेपी ने किया खंडन

वहीं, प्रियंका के इस पोस्ट के बाद बौखलाई बीजेपी ने पलटवार किया है। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ चंद्रमोहन ने कहा कि कांग्रेस और प्रियंका के मन में यूपी सरकार के प्रति नफ़रत का भाव है। प्रियंका, यूपी सरकार से नफ़रत के चलते मनगढंत कहानियां बना रही हैं। कानपुर बालिका गृह पर प्रियंका की मनगढंत कहानी बेहद निंदनीय है। ये लोग सिर्फ झूठ का व्यापार बढ़ाने का काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यूपी में योगी सरकार एक सशक्त और कानून का पालन कराने वाली है। इस सरकार में हर बालिका का सम्मान सुरक्षित है।इसकी नियमित जांच के दौरान कोरोना संक्रमण की बात सामने आई। इसको लेकर अफ़वाह फैलाने वालों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।

प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस बार-बार झूठ के सहारे सरकार को बदनाम करने की साजिश न रचे। इससे पहले बसों के मामले में हाईकोर्ट ने कांग्रेस को आईना दिखाया था। कांग्रेस का झूठ बार-बार पकड़ा जा रहा है, लेकिन कांग्रेस फिर भी बाज नही आ रही है।

क्या है मामला

राजकीय बाल संरक्षण गृह (बालिका) में रह रही लड़कियों की कोरोना जांच के दौरान दो नाबालिग लड़कियां गर्भवती मिलीं थी और उनमें से भी एक एचआइवी पॉजिटिव पाई गई थी। संरक्षण गृह में रहने वाली नाबालिग लड़कियों के गर्भवती होने और एचआइवी जैसे वायरस से संक्रमित हो जाने के मामले ने संरक्षण गृह के प्रबंधन पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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