बॉलिवुड ऐक्टर सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद एक बार फिर फिल्म इंडस्ट्री में भेदभाव और नेपोटिजम की बहस तेज हो गई है। कई लोगों और फैन्स का आरोप है कि सुशांत के साथ बॉलिवुड में इतना भेदभाव किया गया कि वह डिप्रेशन में चले गए और उन्होंने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया।
हालांकि तेजी उभरते ऐक्टर जितेंद्र कुमार ऐसा नहीं मानते हैं और उनका कहना की सुशांत की मौत का जिम्मेदार बॉलिवुड को मानना गलत है। फिल्म शुभ मंगल ज्यादा सावधान से बॉलिवुड में डेब्यू करने वाले जितेंद्र ने एक मीडिया पोर्टल को दिए इंटरव्यू में कहा कि सुशांत की मौत बेहद दुखद और शॉकिंग है लेकिन समस्याएं सभी जगह पर हैं।
हर इंडस्ट्री में कुछ न कुछ परेशानिया होती हैं लेकिन फिल्म इंडस्ट्री काफी खुली हुई है। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री को हर एक व्यक्ति का ख्याल रखना चाहिए और उसके मुश्किल वक्त में हौसलाअफजाई करनी चाहिए।
अंकिता लोखंडे भी अपने दोस्त की मौत से सदमे में है। अंकिता और सुशांत कभी दो जिस्म एक जान हुआ करते थे। ब्रेकअप हुआ तो अंकिता जैसे टूट गई थीं। वह लंबे समय तक स्क्रीन से गायब भी रहीं है। नवभारत टाइम्स के साथ एक पुराने इंटरव्यू में अंकिता ने इसमें अपने दर्द से उबरने की कहानी भी कही।
अंकिता ने कहा था, आजकल की जनरेशन फैमिली को महत्व नहीं देती। लोग मुझे इसलिए फॉलो करते हैं, क्योंकि मैं बहुत स्ट्रांग हूं। जब आप गिरते हैं तो परिवार ही आपको संभालता है। दुनिया साथ छोड़ देगी, परिवार कभी नहीं।
सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की। यह बात उनके पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी सामने आई, लेकिन सवाल ये हैं कि वो कौन से हालात थे जिसने सुशांत को ऐसा करने पर मजबूर कर दिया। वो क्या कारण थे कि सुशांत जैसे होनहार ऐक्टर को ट्विटर पर अपने फैन्स से गुजारिश करनी पड़ती है कि आप मेरी फिल्म देखने जरूर जाइएगा, वर्ना ये बॉलिवुड मुझे बाहर फेंक देगा। सुशांत की मौत के बाद एक बार फिर से बॉलिवुड में नेपोटिज्म और खेमेबाजी का मुद्दा चर्चा में है। क्या बॉलिवुड में किसी गॉडफादर का होना इतना जरूरी है।
सिनेमा की दुनिया की चमकीली रोशनी के पीछे वह कौन सा अंधेरा कोना है, जहां पर्दे पर राज करने वाला स्टार भीतर से अकेला महसूस करता है। सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के मामले में यह बात सामने आई है कि वह डिप्रेशन से जूझ रहे थे।
इसके बाद से ही दीपिका पादुकोण और आयुष्मान खुराना जैसे सितारे लगातार सोशल मीडिया पर लोगों को डिप्रेशन और मेंटल हेल्थ के लिए जागरूक कर रहे हैं। दीपिका पादुकोण खुद डिप्रेशन के दौर से गुजर चुकी हैं और लंबे समय से इस मुद्दे पर बेबाकी से अपनी राय रख रही हैं।