तीन माह बाद सीएचसी में ओपीडी शुरू, आदेश के बाद भी प्राइवेट में ताला

लखनऊ। तीन माह बाद प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में ओपीडी शुरू हो गई है। जरूरी जांच भी हो रही हैं। दूसरी तरफ आदेश के बाद भी प्राइवेट अस्पतालों में रूटीन ओपीडी शुरू नहीं की गई है।16 जून को शासन ने सीएचसी-पीएचसी में ओपीडी शुरू करने के निर्देश दिए थे।

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एसीएमओ डॉ. अजय राजा के मुताबिक एहतियात के साथ ओपीडी शुरू की गई हैं। सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल के मुताबिक मौसमी बीमारियों से निपटने के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। ओआरएस, पैरासिटामॉल, एंटीबायोटिक, पेट संबंधी बीमारियों की दवाएं पर्याप्त हैं। उल्टी-दस्त, मलेरिया व डेंगू की जांच व इलाज के इंतजाम कर लिए गए हैं।10 हेल्थ पोस्ट सेंटर बंद 10 अर्बन हेल्थ पोस्ट सेंटर में डॉक्टर नहीं है।

इन सेंटरों में ओपीडी का संचालन नहीं हो पा रहा है। बाकी 42 सेंटरों में मरीजों को इलाज मिल रहा है।प्राइवेट में नहीं चालू की ओपीडीलखनऊ में करीब 1000 से ज्यादा प्राइवेट अस्पताल हैं। बामुश्किल 100 प्राइवेट अस्पतालों में ओपीडी का संचालन हो रहा है। इसकी वजह से मरीजों को खासी दिक्कतें झेलनी पड़ रही है। शासन के निर्देश पर ओपीडी गाइडलाइन जारी होने के बाद भी ओपीडी चालू नहीं की जा रही है।

ये एहतियात बरते जा रहे-केंद्र में आने वालों की इन्फ्रारेड थर्मामीटर से स्क्रीनिंग की जाए-एक रोगी के साथ एक तीमारदार को अनुमति-सभी मास्क पहनें-सर्दी-जुकाम, बुखार व सांस के मरीजों की अलग व्यवस्था है। पर्चा काउंटर पर जाने की जरूरत नहीं है।-ओपीडी पंजीकरण करने वाले कर्मचारी को मास्क व ग्लब्स पहने।

मरीज ज्यादा होने पर काउंटर बढ़ाए जाएं-सुगर, ब्लड प्रेशर, दिल आदि के मरीजों को एक माह की दवाएं दी जाएं-सोशल डिस्टैंसिंग का पालन हो-परिसर में हाथों को धुलने की व्यवस्था की जाए-फर्श, दीवार, फर्नीचर, दरवाजे, हैंडल व अन्य सतहों का हाइपोक्लोराइड घोल से नियमित विसंक्रमण किया जाए-मरीज के सहयोग के लिए 60 से अधिक उम्र के तीमारदार, बच्चों व गर्भवती महिलाओं को अनुमति नहीं है।

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