मोदी के करीबी जफर सरेशवाला ने रथयात्रा में शामिल श्रद्धालुओं को बिना टोपी के तब्लीगी बताया

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट से सशर्त इजाजत मिलने के बाद पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली गई। इस दौरान वहां पर श्रद्धालु भी मौजूद रहे। हालांकि मौलाना आजाद नैशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के पूर्व चांसलर जफर सरेशवाला ने विवादित टिप्पणी कर दी है। उन्होंने रथ यात्रा में मौजूद श्रद्धालुओं को ‘बिना टोपी के तबलीगी’ कहकर नए विवाद को जन्म दे दिया है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खास माने जाने वाले जफर सरेश वाला अहमदाबाद के रहने वाले बिजनसमैन हैं। उन्होंने रथ यात्रा के वीडियो को शेयर करते हुए उसमें शामिल श्रद्धालुओं को ‘बिना टोपी के तबलीगी जमाती’ कहा। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा था कि मंदिर कमिटी और सरकार के सहयोग से यात्रा निकाली जा सकती है, लेकिन लोगों की सेहत से समझौता नहीं होना चाहिए। 1 जुलाई को भगवान जगन्नाथ की घरवापसी के साथ की संपन्न होगी।

रथ यात्रा में जितने भी लोग शामिल थे, सबका कोरोना टेस्ट कराया गया था। ओडिशा के कानून मंत्री प्रताप जेना ने बताया, ‘सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, पुरी के जगन्नाथ मंदिर के सेवायतों (पुजारियों) का कोरोना टेस्ट कराया गया। इनमें से एक पॉजिटिव पाया गया है जिन्हें रथ यात्रा में अनुमति नहीं मिलेगी।’

गुजराती व्यापारी सरेशवाला ने 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव प्रचार के दौरान उनके लिए जमकर प्रचार किया था और वह प्रचार करने वाले मुस्लिम चेहरे के रूप में सुर्खियों में आए थे। उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी पर एक उर्दू वेबसाइट के लॉन्च में भी प्रमुख भूमिका निभाई थी।

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