सीतापुर : जिले में एम्बुलेंस के पहिए थमने से नहस-तहस हुईं स्वास्थ्य सेवाएं

सीतापुर। एंबुलेंस के कर्मचारी इन दिनों लंबित मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। वह लोग रविवार से जिला अस्पताल में भूख हड़ताल कर अपनी मांगों के प्रदर्शन कर रहे हैं। कर्मचारी संगठन के जिलाध्यक्ष अखिलेश सिंह ने बताया कि, उनकी लंबित मांगों को लेकर शासन प्रशासन कोई भी जिम्मेदार गंभीर नहीं दिख रहा है। ऐसे में संगठन ने रविवार रात 12 बजे से फिलहाल 102 एंबुलेंस संचालन पर विराम लगा दिया है।

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जिले में 47 एंबुलेंस 102 संचालित है। इनमें करीब 200 कर्मचारियों ने एंबुलेंस खड़ी कर आंदोलन कर रहे हैं। संगठन जिलाध्यक्ष ने बताया कि, जिले में 108 की 46 एंबुलेंस हैं। इनकी सेवाएं अभी चल रही हैं। उन्होंने बताया कि पेट्रोल पंप पर एंबुलेंस को डीजल भी नहीं मिल पा रहा है। पंप मालिक ने उधारी चुकता न होने के कारण डीजल देने से इनकार कर दिया है। इसलिए भी एंबुलेंस संचालन में बाधा आ रही है।

एंबुलेंस पर इमरजेंसी चिकित्सा के लिए कार्यरत कर्मियों के मुताबिक, 102 एंबुलेंस के संचालन ठप होने से खासकर गर्भवती महिलाओं को अस्पताल आने जाने में दिक्कत हो रही है। इन महिलाओं को घर से लाकर अस्पताल छोड़ना और अस्पताल से फिर उन्हें सुरक्षित घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी रहती है।

इसके अलावा जिला अस्पताल आने जाने वाले लोगों के लिए भी 102 एंबुलेंस काफी सहायक है। हड़ताल के दौरान रोगियों को अस्पताल लाने और स्वास्थ परीक्षण के बाद उन्हें घर छोड़ने में बाधा उत्पन्न हो गई है।

एंबुलेंस कर्मियों की मांगें

  •  23 सितंबर 2019 को श्रम अधिकारियों की अध्यक्षता के बीच सेवा प्रदाता कंपनी और संगठन नेताओं के बीच हुए समझौते को लागू किया जाए।
  • कर्मियों को बढ़ा हुआ मानदेय दिया जाए। मानदेय का भुगतान निर्धारित अवधि में हो और हर महीने मानते में अनियमित कटौती बंद हो।
  • जरूरत के मुताबिक एंबुलेंस कर्मियों को सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
  • शनिवार को बर्खास्त किए गए 1600 एंबुलेंस कर्मियों के संबंध में जांच हो।

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