वर्जीनिया। सीरिया में इस्लामिक स्टेट से जुड़े दो संदिग्ध ब्रिटिश आतंकवादियों ने साल 2014 और 2015 में बर्बरता की सारी हदें पार करते हुए नागरिकों, पत्रकारों के सिर कलम कर दिए थे। इन आतंकियों ने यह बर्बरता करते हुए वीडिया भी बनाया था। फिलहाल इन दोनों आतंकियों को अमेरिका लाया गया है और इन पर मुकदमा चलाने की तैयारी हो रही है।
इस्लामिक स्टेट से जुड़े दो संदिग्ध ब्रिटिश आतंकवादियों को बुधवार को ब्रिटेन से अमेरिका लाया गया है। इन पर गंभीर आरोप है।
जिन दो आतंकियों को अमेरिका लाया गया है उनके नाम हैं-अल-शफी शेख और एलेक्जेंड्रा कोटे। ये दोनों चार अपहरणकर्ताओं के समूह से संबंधित थे, जिन्हें उनके ब्रिटिश उच्चारण के कारण “द बीटल्स” उपनाम दिया गया था।
आईएस के इन आतंकियों को उनके उच्चारण के कारण उन्हें “द बीटल्स” का उपनाम दिया गया था। सीरिया में साल 2014 और 2015 में इन आतंकियों ने ब्रिटिश, अमेरिकी और जापानी पत्रकारों और सहायताकर्मियों के साथ-साथ सीरियाई सैनिकों के सिर काट दिए थे। इन लोगों ने इस क्रूर वारदात को कैमरे में भी कैद किया था।
आईएस ने ऐसे वीडिया का इस्तेमाल अपने प्रोपेंगेंडा को विश्वभर में फैलाने में किया था। अमेरिकी न्याय विभाग का कहना है कि इन दोनों कथित आतंकियों पर यातनाएं देने, सिर कलम करने और बंधकों के साथ सीरिया में अन्य क्रूर बर्ताव के आरोपों पर सुनवाई होगी।
वर्जीनिया की एक संघीय अदालत में बुधवार को दोनों की पेशी कराई गई और अदालत की जूरी ने उन पर आठ आरोपों के तहत मुकदमे की शुरूआत की।
वहीं अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि इन दोनों ने एक क्रूर बंधक बनाने की योजना का नेतृत्व किया, जिसके कारण अमेरिकी पत्रकार जेम्स फोले सहित कई पश्चिमी लोगों की हत्या कर दी गई थी। एक साल पहले अमेरिका ने दोनों आतंकियों को सीरिया से बाहर कर इराक पहुंचाया था।
अमेरिकी न्याय विभाग के सहायक अटॉर्नी जनरल जॉन डेमर्स ने कहा कि कि ऐसे लोगों पर अमेरिकी अदालतों में मुकदमा चलाया जाएगा और दुनिया के किसी भी हिस्से में आतंकवादियों पर कार्रवाई की जाएगी। उनका पीछा किया जाएगा।
उन्होंने कहा, “अगर आपके सिर पर अमेरिकी लोगों की हत्या का आरोप है तो आपको अमेरिका में न्यायिक प्रक्रिया का सामना करना ही पड़ेगा।”