कैट ने की फ्ल‍िपकार्ट के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग

नई दिल्‍ली। देश के करीब सात करोड़ कारोबारियों का प्रतिनिधित्‍व करने का दावा करने वाले संगठन कन्‍फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग की है। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने शनिवार को कहा कि सरकार फ़्लिपकार्ट के खिलाफ देशद्रोह की कार्रवाई तुरंत शुरू कर देना चाहिए। ये मांग इसलिए की गई है क्‍योंकि फ्लिपकार्ट ने अपने अधिकृत ट्वीट हैंडल से नागालैंड को भारत से बाहर का हिस्सा बताया है।

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गृहमंत्री के समक्ष मुद्दा उठाएगा कैट 
खंडेलवाल का कहना है कि पहले देशद्रोही ट्वीट करना और फिर उसे मिटा देना क्या दर्शाता है। खंडेलवाल ने कहा कि इस बात को लेकर सोशल मीडिया पर बहुत हलचल है। उन्होंने कहा कि वह इस गंभीर मसले को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के समक्ष शीघ्र ही उठाएगा। उन्‍होंने कहा कि कि उक्त ट्वीट को डिलीट कर देने से फ्लिपकार्ट को माफ़ी नहीं मिल सकती है। भारत में रहकर उसके एक राज्य को देश से बाहर बताना एक अक्षम्य अपराध है, जिसके खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई होनी चाहिए।

देश की संप्रभुता को चुनौती बर्दाशत नहीं
खंडेलवाल ने कहा कि ये कथन बेहद चौंकाने वाला और अविश्वसनीय है। नगालैंड को “भारत के बाहर” का कहकर फ्लिपकार्ट ने नगालैंड और पूर्वोत्तर के लोगों की भावनाओं का न सिर्फ अपमान किया, बल्कि प्रत्‍येक भारतीय को आहत किया है। उन्‍होंने कहा कि आज फ्लिपकार्ट ने नगालैंड को भारत के बाहर का हिस्सा बताया है, कल वो लेह-लद्दाख को भी भारत के बाहर का हिस्सा कह सकते हैं। फ्लिपकार्ट के बयान ने भारत की संप्रभुता को चुनौती दी है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।

गंभीर और गलत बयान की माफी नहीं 
कैट महामंत्री का कहना है कि ये फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों की मानसिकता को बयान करता है। इस तरह के गंभीर और गलत बयान केवल एक दुश्मन ही कह सकता है, इसके लिए कोई माफी स्वीकार नहीं की जा सकती। खंडेलवाल ने कहा कि ये बयान फ्लिपकार्ट के अधिकृत ट्विटर हैंडल से किया गया है। इसलिए इसे किसी का व्यक्तिगत विचार के तौर पर नहीं लिया जा सकता है।

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