सहकारिता विभाग में उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक में अखिलेश यादव सरकार के कार्यकाल के दौरान सहायक प्रबंधक के पद पर भर्ती के दौरान अनियमितता के मामले में केस दर्ज होने के बाद अब अधिकारियों पर कार्रवाई की जा रही है। उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक भर्ती घोटाले में तीन और अधिकारियों को सोमवार को निलंबित कर दिया गया है। निलंबित होने वालों में उप महाप्रबंधक दिलीप कुमार प्रसाद, उप महाप्रबंधक शैलेश यादव और सहायक महाप्रबंधक सिद्धार्थ श्रीवास्तव हैं।
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इससे पहले बहुचर्चित सहकारिता विभाग भर्ती घोटाले में सात नामजद आरोपितों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज की गई थी। सीएम योगी आदित्यनाथ के दोषी अफसरों के विरुद्ध केस दर्ज करने की अनुमति मिलने के बाद विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) ने यह कार्रवाई की है। एसआइटी ने प्रकरण में बीते दिनों अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी थी और दोषी अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की थी।
एसआइटी की जांच में उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव बैंक के तत्कालीन प्रबंध निदेशक हीरालाल यादव व रविकांत सिंह के अलावा उत्तर प्रदेश सहकारी संस्थागत सेवामंडल के तत्कालीन अध्यक्ष रामजतन यादव, सचिव राकेश कुमार मिश्र व सदस्य संतोष कुमार श्रीवास्तव के साथ संबंधित भर्ती कराने वाली कंप्यूटर एजेंसी एक्सिस डिजिनेट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के कर्मी राम प्रवेश यादव दोषी पाए गए थे।
इन सभी पर अब एफआइआर दर्ज कर ली गई है। इसके अलावा उत्तर प्रदेशकोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड तथा उत्तर प्रदेश सहकारी संस्थागत सेवामंडल की प्रबंध समिति के अन्य अधिकारियों व कर्मियों के विरुद्ध भी धोखाधड़ी व षड्यंत्र समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है।