नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का 57वां दिन है। एक तरफ केंद्र सरकार किसान आंदोलन खत्म करवाने के लिए झुकती नजर आ रही है। दूसरी तरफ भाजपा नेता विवादित बयान दे रहे हैं। ताजा विवाद दौसा से भाजपा सांसद जसकौर मीणा के बयान से जुड़ा है।
जसकौर का एक वीडियो राजस्थान कांग्रेस कमेटी ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है। इसमें वे कह रही हैं, “अभी कृषि कानून का ही देख लीजिए कि आतंकवादी बैठे हुए हैं और आतंकवादियों ने AK-47 लिखी हुई है। खालिस्तान का झंडा लगाया हुआ है। ऐसी परिस्थिति में कैसे सोचें कि इस देश में कितनी रुकावटें हैं।”
मीटिंग का टर्निंग पॉइंट…
दिल्ली के विज्ञान भवन में किसानों और सरकार की मीटिंग में लंच से पहले तक कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही थी। दोपहर 3 बजकर 50 मिनट पर लंच ब्रेक हुआ। इसी दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गृह मंत्री अमित शाह को फोन लगाकर किसानों की चिंता बताई।
चिंता यह कि सुप्रीम कोर्ट की कमेटी 2 महीने में रिपोर्ट दे देगी, उसके बाद कृषि कानूनों के अमल पर लगी रोक कभी भी हट सकती है। इस पर शाह ने तोमर ने कहा- किसानों को बताएं कि सरकार डेढ़ साल तक कानून होल्ड करने को तैयार है।
NIA की कार्रवाई को लेकर किसानों को ऐतराज
किसानों की सरकार के साथ 11वें राउंड की चर्चा में किसान नेताओं को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) के समन मिलने का मुद्दा भी उठा। किसान संगठनों ने कहा कि NIA का इस्तेमाल किसानों को परेशान करने के लिए किया जा रहा है। इस पर सरकार ने जवाब दिया कि अगर ऐसा कोई बेगुनाह किसान आपको दिख रहा है तो आप लिस्ट दीजिए, हम ये मामला तुरंत देखेंगे।