नई दिल्ली। देश तेज इंटरनेट स्पीड के लिए 5G की राह ताक रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि 4G मोबाइल और ब्रॉडबैंड इंटरनेट स्पीड ही घटती जा रही है। इंटरनेट स्पीड में देशों की रैंकिंग करने वाली संस्था ऊकला ने नई रैंकिंग जारी की है। इसमें भारत को दोनों मामलों में एक-एक स्थान का नुकसान हुआ है।
ऊकला के 2020 ग्लोबल इंटरनेट स्पीडटेस्ट इंडेक्स में भारत मोबाइल इंटरनेट स्पीड में 139 देशों में 129वें नंबर पर है। वहीं ब्रॉडबैंड स्पीड के मामले में 176 देशों में 65वें नंबर पर आ गया है। कतर मोबाइल इंटरनेट स्पीड में दक्षिण कोरिया और यूएई को पछाड़कर पहले नंबर पर आ गया है। ब्रॉडबैंड स्पीड में हॉन्गकॉन्ग और सिंगापुर को पीछे छोड़ थाईलैंड अव्वल रहा है।
भारत में मोबाइल डाउनलोड की औसत स्पीड
यह 4.4% घटकर 12.91 एमबीपीएस रह गई है। नवंबर में यह 13.5 एमबीपीएस थी। हालांकि देश में मोबाइल अपलोड की स्पीड में मामूली सुधार देखा गया है। यह करीब 1.4% बढ़कर 4.97 एमबीपीएस हो गई है, जबकि नवंबर में यह 4.90 एमबीपीएस रही थी।
पड़ोसियों में सिर्फ बांग्लादेश से बेहतर
6 प्रमुख पड़ोसी देशों में भारत में मोबाइल इंटरनेट स्पीड सिर्फ बांग्लादेश से बेहतर है। वहीं मोबाइल इंटरनेट स्पीड के मामले में पाकिस्तान 6 पायदान फिसलकर 114वें नंबर पर पहुंच गया है। इसके बावजूद वह चीन को छोड़ अपने बाकी पड़ोसी देशों से बेहतर स्थिति में है।
रैंक | देश | स्पीड (एमबीपीएस में) |
4 | चीन | 155.89 |
114 | पाकिस्तान | 18.42 |
115 | नेपाल | 18.42 |
122 | श्रीलंका | 16.91 |
129 | भारत | 12.91 |
135 | बांग्लादेश | 10.64 |
सीरिया 10 पायदान फिसलकर शीर्ष-100 देशों से बाहर 109वें स्थान पर |
पैमानों में बदलाव के बाद बढ़ी देशों की संख्या
1 जनवरी 2019 से रैंकिंग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पैमानों में बदलाव किया गया है। इसके मुताबिक इस रैंकिंग में शामिल होने के लिए किसी भी देश में कम से कम 300 मोबाइल या ब्रॉडबैंड इंटरनेट यूजर होना जरूरी है। इससे पहले मोबाइल यूजर्स की संख्या 670 और ब्रॉडबैंड इंटरनेट यूजर्स की संख्या कम से कम 3333 होना जरूरी था। नए पैमानों के बाद रैंकिंग में शामिल होने वाले देशों की संख्या बढ़ गई है।