लखनऊ। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के बजट पर उत्तर प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती के साथ ही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नरेंद्र मोदी सरकार के बजट पर कटाक्ष किया है। मायावती तथा अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं।
बसपा की मुखिया मायावती ने आम बजट पर अपनी प्रक्रिया को लेकर दो ट्वीट किया है। मायावती ने शंका जताई है और कहा कि संसद में आज पेश केंद्र सरकार का बजट पहले मन्दी व वर्तमान में कोरोना प्रकोप से पीडि़त देश की बिगड़ी अर्थव्यवस्था को संभालने तथा यहां की अति-गरीबी, बेरोजगारी व महंगाई आदि की राष्ट्रीय समस्या को क्या दूर कर पाएगा। इन्हीं आधार पर सरकार के कार्यकलापों व इस बजट को भी आंका जाएगा।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे देश की करोड़ों गरीब, किसान व मेहनतकश जनता केंद्र तथा राज्य सरकारों के अनेकों प्रकार के लुभावने वायदे, खोखले दावे व आश्वासनों आदि से काफी थक चुकी है। उनका जीवन लगातार त्रस्त है। केंद्र तथा राज्य सरकार अपने वायदों को जमीनी हकीकत में लागू करे तो यह सभी के लिए बेहतर होगा।
किसानों, गरीबों व युवाओं के लिए निराश करने वाला बजट:अखिलेश यादव-
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि इस बजट ने उन सभी प्रदर्शनकारी किसानों को क्या दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा कहती थी कि वो सभी की आय दोगुनी करेगी। क्या इस बजट से किसानों की आय दोगुनी हो रही। हमारे युवा जो पढ़ाई करना चाहते हैं उनके लिए काम, रोजगार के लिए इस बजट में क्या व्यवस्था की गई है।
क्या इनको रोजगार मिलेगा। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बजट को किसानों, गरीबों व युवाओं के लिए निराश करने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी, GST से अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा है। सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि, सरकार सब कुछ बेंचने पर लगी हुई है। बड़े पैसे वालों को लाभ मिल रहा है। किसान आंदोलन को लेकर अखिलेश ने कहा कि, सरकार को किसानों की बात मान लेनी चाहिए। किसान को बाजार पर नहीं छोड़ सकते हैं।
अखिलेश यादव ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, कोरोना के दौरान मजदूरों को हजारों किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। कोरोना काल में सरकार लापरवाह रही। अखिलेश यादव ने कहा कि, समाजवादी पार्टी युवाओं को लैपटॉप दे रही थी। अब सीएम खुद लैपटॉप चलाना नहीं जानते तो उन्होंने युवाओं को देना भी बंद कर दिया।
आगे बोलते हुए अखिलेश ने कहा कि, हमारे यहां सीएम सिर्फ नाम बदलते हैं, शिलान्यस करते हैं। बाकी काम कुछ नहीं करना है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बजट जारी होने से पहले कहा था कि भाजपा सरकार से बस इतनी गुजारिश है कि वो इस बार बजट में हमारे देश की एकता, सामाजिक सौहार्द, किसान-मज़दूर के सम्मान, महिला-युवा के मान और अभिव्यक्ति कीआज़ादी की पुनर्स्थापना के लिए भी कुछ प्रावधान करे क्योंकि भाजपा की विघटनकारी नीतियों से ये सब बहुत खंडित हुआ है।