कोरोना : ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोले- गरीब देशों को देंगे सरप्लस वैक्सीन

वॉशिंगटन। दुनिया में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 11.08 करोड़ से ज्यादा हो गया। 8 करोड़ 57 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। अब तक 24 लाख 51 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। ये आंकड़े www.worldometers.info/coronavirus के मुताबिक हैं।

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बोरिस जॉनसन को गरीब देशों की फिक्र
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भरोसा दिलाया है कि उनके मुल्क में अगर सरप्लस वैक्सीन हुई तो वे इसे गरीब देशों को जरूर देंगे। जॉनसन का यह बयान अहम है। सिर्फ दो दिन पहले UN चीफ एंतोनिया गुटेरेस ने साफ कहा था कि अमीर देशों के पास वैक्सीन का जरूरत से ज्यादा स्टॉक मौजूद है और यह बाकी दुनिया खासकर गरीब देशों के लिए खतरे का संकेत है। इस बयान के डिप्लोमैटिक मायने भी हैं। रूस और चीन वैक्सीन डिप्लोमैसी के जरिए कुछ देशों में दबदबा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। चीन तो गरीब अफ्रीकी देशों को टारगेट कर रहा है।

जॉनसन ने G7 देशों के सम्मेलन में भी इस बात को दोहराया कि गरीब देशों को वैक्सीन दी जानी चाहिए। इस मीटिंग में जो बाइडेन भी मौजूद थे। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी कहा कि अमीर देशों को वैक्सीन स्टॉक का पांच फीसदी गरीब देशों को देना चाहिए।

ग्रीस का वैक्सीन पासपोर्ट
ग्रीस सरकार ने साफ कर दिया है कि अगर ब्रिटेन के नागरिक बतौर टूरिस्ट उनके देश में आना चाहते हैं तो इसमें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन इसके लिए उनके पास वैक्सीन पासपोर्ट होना जरूरी होगा। वैक्सीन पासपोर्ट का अर्थ यह है कि टूरिस्ट्स को ग्रीस पहुंचने से पहले ही ऑनलाइन डॉक्यूमेंट्स के जरिए ये बताना होगा कि उन्होंने वैक्सीनेशन करा लिया है। इसमें डोजेस की जानकारी भी देना होगी। इसके पहले डेनमार्क और स्वीडन भी यह कदम उठा चुके हैं।

ग्रीस सरकार ने कहा है कि अगर ब्रिटेन के नागरिक बतौर टूरिस्ट उनके देश में आना चाहते हैं तो इसमें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन इसके लिए उनके पास वैक्सीन पासपोर्ट होना जरूरी होगा। (फाइल)
ग्रीस सरकार ने कहा है कि अगर ब्रिटेन के नागरिक बतौर टूरिस्ट उनके देश में आना चाहते हैं तो इसमें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन इसके लिए उनके पास वैक्सीन पासपोर्ट होना जरूरी होगा। (फाइल)

अक्टूबर के बाद सबसे कम मामले
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, दुनिया में अक्टूबर के बाद पिछले महीने सबसे कम मामले सामने आए। हालांकि, इसके साथ ही एक अलर्ट भी सामने आया है। WHO की टेक्निकल हेड मारिया वेन केरखोव ने कहा- यह बिल्कुल मत मानिए कि हम अच्छे दौर में पहुंच गए हैं या बहुत जल्द पहुंचने वाले हैं। यह हल्की राहत भर है, इससे ज्यादा कुछ नहीं। संक्रमण किसी भी वक्त फिर रफ्तार पकड़ सकता है और इसलिए वैक्सीनेशन के साथ ऐहतियात बरतना जरूरी है।

दुनिया के आंकड़ों पर नजर डालें तो मंगलवार को 3 लाख 51 हजार 335 मामले सामने आए। यही पिछले सात दिन का औसत भी है। अमेरिका में संक्रमण की रफ्तार कम होती दिख रही है। यह आंकड़ा दो लाख से कम होकर करीब 77 हजार प्रतिदिन हो गया है। इसकी सबसे बड़ी वजह वैक्सीनेशन में तेजी है।

वैक्सीन सिर्फ 10 देशों के पास
संयुक्त राष्ट्र महासचिव (UN secretary general) एंतोनियो गुटेरेस के मुताबिक दुनिया में 130 देश हैं, जिनके पास कोविड-19 वैक्सीन का एक सिंगल डोज तक नहीं पहुंचा। यह बहुत बड़ी नाइंसाफी है। सिक्योरिटी काउंसिल की मीटिंग के दौरान गुटेरेस ने कहा- बहुत दुख और गुस्सा है कि हम दुनिया के 130 देशों को महामारी से निपटने के लिए वैक्सीन का एक डोज तक नहीं दे सके। वहीं, 10 देश ऐसे हैं जहां 75% वैक्सीनेशन प्रॉसेस पूरा हो चुका है। इससे साफ हो जाता है कि वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम कितना गैरबराबरी वाला है। अगर हमें महामारी से उबरना है तो किसी भी हाल में और किसी भी कीमत पर सबको वैक्सीन मुहैया करानी होगी।

टॉप-10 देश, जहां अब तक सबसे ज्यादा लोग संक्रमित हुए

देश संक्रमित मौतें ठीक हुए
अमेरिका 28,523,524 505,309 18,703,421
भारत 10,962,189 156,123 10,665,068
ब्राजील 10,030,626 243,610 8,995,246
रूस 4,125,598 81,926 3,661,312
UK 4,083,242 119,387 2,331,001
फ्रांस 3,514,147 83,122 245,737
स्पेन 3,107,172 66,316 2,410,846
इटली 2,751,657 94,540 2,268,253
तुर्की 2,609,359 27,738 2,496,833
जर्मनी 2,362,352 67,074 2,154,600

(ये आंकड़े www.worldometers.info/coronavirus/ के मुताबिक हैं)

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